दिवाली हर किसी के लिए खुशियों की सौगात लेकर आती है, लेकिन पिछले कुछ सालों से घरेलू बाजार लगातार चीन के हाथों शिकस्त खा रहा है. अच्छे से अच्छा सामान बनाने के बाद भी मार्केट में चीनी उत्पादों के आगे हमारे उत्पाद टिक नहीं पाते हैं. पर इस बार माहौल कुछ बदला हुआ सा है.
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत के आह्वान पर समाज का बड़ा वर्ग अपने देश में बने सामानों को ही तवज्जो दे रहा है. वहीं दूसरी तरफ विक्रेता और उत्पादनकर्ता भी क्रिएटिविटी के साथ वस्तुओं का निर्माण कर रहे हैं. कुछ इसी तरह का नज़ारा इन दिनों छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रहा है.
40 घंटे जल सकता है दीया
दिवाली पर दीयों की भारी मांग को देखते हुए यहां के एक कुम्हार ने दीपों पर नए तरह का अविष्कार किया है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. कोंडागांव के अशोक चक्रधार ने ऐसा दीप बनाया है जो एक-दो घंटे नहीं बल्कि 40 घंटों तक जल सकता है. इस दीप ने जहां मार्केट में रौनक बढ़ा दी है, वहीं चाइनीज दीयों के पसीने छुड़ा रखे हैं.
सरकार ने किया सम्मानित
इस दीये की सफलता को देखते हुए अशोक चक्रधारी को नेशनल मेरिट अवार्ड प्रशस्ति पत्र से भी सम्मानित किया गया है. अपनी सफलता पर अशोक कहते हैं कि पिछले कई सालों से वो मिट्टी के बर्तन और दीये बनाने का काम कर रहे हैं, बदलते हुए जमाने के साथ मिट्टी के दीयों का चलन कम हो गया है, लेकिन इस बार की दिवाली कुछ अलग है और लोग देशी उत्पादों को महत्व दे रहे हैं.
सोशल मीडिया ने किया कमाल
अशोक चक्रधारी बताते हैं, कि उनका नया अविष्कार इतना पसंद किया जाएगा, खुद उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था. सोशल मीडिया पर अचानक उनका एक वीडियो वायरल हो गया, जिसके बाद उन्हें ताबड़तोड़ फोन आने लगे.
इस समय अशोक हर दिन 100 से 150 विशेष तरह के दीयों को बना रहे हैं, जिसकी कीमत 200 से 250 रूपए रखी गई है. दीयों की मांग बड़ी-बड़ी कंपनियों से भी खूब आ रही है और इसके लिए उन्हें एडवांस पैसे भी जमा हो चुके हैं.
प्रधानमंत्री की अपील का हो रहा असर
ध्यान रहे कि मई माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित करते हुए कई आत्मनिर्भर भारत का ऐलान किया था, जिसमें 'लोकल के लिए वोकल' बनने की बात कही गई थी. पीएम मोदी ने खुद कहा था कि लोकल उत्पादों को खरीदने के साथ-साथ उनका प्रचार भी जरूरी है.