शाम के समय कुछ न कुछ हल्का-फुल्का खाने का मन हर किसी को होता है. समोसा, चाट, टिक्की आदि की दुकाने तो शाम की सजती है. अब बदलते हुए समय के साथ नई तरह की चीजें लोग खाना पसंद कर रहे हैं. पैटीज का शौक भी कुछ नया लेकिन सबसे अधिक ट्रैंड में है. हालांकि ऐसा नहीं है कि भारत में पैटीज का आगमन नया है, लेकिन पिछले एक दशकों में इसकी मांग सबसे अधिक बढ़ी है.
आलू या पनीर पैटीज तो हाथों-हाथ बिक जाते हैं. वैसे भी अभी सर्दियों का समय चल रहा है, ऐसे मौसम में इस व्यापार को करने का मतलपब चांदी ही चांदी है. सबसे खास बात है कि आप इसे घर पर बनाकर भी बाजार में बेच सकते हैं. चलिए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं.
आज-कल छोटे कस्बों या शहरों में भी पैटीज़ की दुकानें खुलने लगी है. ऐसे में ये काम व्यवसाय के रूप में फलने-फूलने लगा है. इस काम के लिए न तो आपको बहुत अधिक जगह चाहिए और न ही महंगे टैक्नोलॉजी. अगर घर पर पैटीज नहीं बना सकते तो किसी बैकरी से संपर्क करें. थोक भाव में वहां आपको बहुत सस्ते में पैटीज़ मिल जाएंगे.
पैटीज़ की दुकान खोलने से पहले का काम
इस काम को शुरू करने के लिए अपने स्तर पर आपको कुछ रिसर्च करना होगा. पहले इस बात की जानकारी लें कि आप जहां दुकान स्थापित करना चाहते हैं, वहां आस-पास इस तरह की अन्य दुकाने, जैसे- समोसा, चाट, टिक्की आदि कितने हैं. इन दुकानों से ही आपके बिजनेस को सबसे बड़ा टक्कर है.
लोकेशन
लोकेशन तय करने से पहले ध्यान दें कि आपके यहां से यातायात की क्या सुविधा है और मार्केट से उसकी दूरी क्या है. आस-पास कोई ऑफिस, कॉलेज या भीड़-भाड़ वाली जगह है तो बहुत बढ़िया. इस बिजनेस में भीड़ ही पैसा है.
पैटीज़ की दुकान खोलने से पहले का काम
इस काम को शुरू करने के लिए अपने स्तर पर आपको कुछ रिसर्च करना होगा. पहले इस बात की जानकारी लें कि आप जहां दुकान स्थापित करना चाहते हैं, वहां आस-पास इस तरह की अन्य दुकाने, जैसे- समोसा, चाट, टिक्की आदि कितने हैं. इन दुकानों से ही आपके बिजनेस को सबसे बड़ा टक्कर है.
लोकेशन
लोकेशन तय करने से पहले ध्यान दें कि आपके यहां से यातायात की क्या सुविधा है और मार्केट से उसकी दूरी क्या है. आस-पास कोई ऑफिस, कॉलेज या भीड़-भाड़ वाली जगह है तो बहुत बढ़िया. इस बिजनेस में भीड़ ही पैसा है.
स्वच्छता का रखें ख्याल
ध्यान रहे कि पैटीज़ व्यवसाय का मूल मंत्र ग्राहकों की संतुष्टि है. इसलिए अपने दुकान पर खराब या बासी खाना न ही बेचें. साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और ग्राहक के साथ मधुर व्यवहार बनाकर रखें.
फूड डिलिवरी प्लेटफार्म का उपयोग
अगर पैसों के अभाव में ग्राहकों के बैठने का इंतेजाम नहीं कर सकते तो फूड डिलिवरी प्लेटफार्मों का उपयोग करें. स्विगी, ज़ोमाटो और उबर ईट के साथ मिलकर अपने बिजनेस को चलाएं.
डिजिटल मार्केटिंग
किसी भी बिजनेस के लिए मार्केटिंग का होना जरूरी है. अभी क्योंकि आपका काम नया है, इसलिए आप मुख्य धारा के जन संचार माध्यमों का प्रयोग मार्केटिंग के लिए नहीं कर सकते. ऐसे में डिजिटल मार्केटिंग का विकल्प आपके पास सुरक्षित है. अपने उत्पादों का प्रमोशन डिजिटल मीडिया पर तरह-तरह से करते रहें.
सरकारी मदद
इस काम के लिए आप क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम के तहत पैसों की मदद ले सकते हैं. इस योजना के तहत सरकार छोटे काम धंधों के लिए लोन देती है. आप किसी भी बैंक से लोन ले सकते हैं. इसके लिए बैंक आपसे कुछ जरूरी दास्तावेज मांगती है, जैसे पिछले दो सालों का सर्टिफायड फाइनेंशियल स्टेटमेंट(अगर आपने कहीं काम किया है) पते का सबूत(जैसे-राशन कार्ड, टेलीफोन बिल, बिजली का बिल, वोटर कार्ड आदि) पहचान पत्र(वोटर कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि), बैंक स्टेटमेंट (पासबुक जिसमें पिछले छह महीने की आय का विवरण हो) और प्रॉपर्टी के पेपर. इन दस्तावेजों के साथ आप किसी भी बैंक में आवेदन कर सकते हैं.
कैसे मिल जाता है लोन
क्रेडिट गारंटी योजना के तहत बैंकों को सरकार आश्वासन देती है कि आवेदक द्वारा लिया गया लोन, अगर नहीं भरा जाता तो इस योजना के तहत सरकार उसकी भरपाई करेगी. ऐसे में लोन लेने वाला इंसान बैंकों को कुछ गिरवी नहीं रखता और उसे आसानी से लोन मिल जाता है. आवेदन के लिए आप इस लिंक या अपने बैंक की शाखा पर जा सकते हैं.
मुनाफा
इस काम में मुनाफा आपकी मेहनत पर निर्भर करता है. कंज्यूमर लोयलटी का इस बिजनेस में विशेष योगदान है. कहने का तात्पर्य है कि अगर इस काम में आपने लोगों का दिल जीत लिया, तो सफलता जरूर मिलेगी. एक औसत मुनाफे की बात करें तो आपको हर महीने 30 से 35 हजार का मुनाफा आराम से हो सकता है.