आलू के चिप्स का पैकेट 5 रुपये से शुरू होकर 20-50 रुपये तक में बिकता है. पैकेट में चिप्स की मात्रा कम ही होती है, इस बिजनेस में उतरकर और खास स्वाद देने के साथ अच्छा प्रमोशन करके पोटैटो चिप्स के जरिए मोटी कमाई की जा सकती है क्योंकि आलू चिप्स का बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जिसे कम लागत में शुरू कर सकते हैं आलू हर सीजन में पैदा होता है इसलिए बिजनेस में कभी कच्चे माल की कमी नहीं होगी. ऐसे में आपको बताते हैं आखिर कैसे कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
इतनी आएगी शुरुआती लागत- आलू की चिप्स का कारोबार शुरू करने के लिए लागत की बात करें तो महज 30 हजार में बिजनेस कर सकते हैं अगर आपका घर बड़ा है तो इस बिजनेस को घर से ही शुरू कर सकते हैं. एक अनुमान के मुताबिक लभगभ 30 हजार रुपये लगाकर इस काम को छोटे स्तर से शुरू कर सकते हैं. कम निवेश में ये एक धांसू बिजनेस आइडिया साबित हो सकता है. हालांकि बड़े पैमाने पर बिजनेस करना चाहेंगे तो कम से कम एक डेढ़ लाख रूपये की लागत आएगी.
आसानी से मिलता रॉ मैटेरियल- आलू की चिप्स बनाने के लिए जरूरी रॉ मैटेरियल जैसे कि आलू, नमक, मिर्च पाउडर, चाट मसाला, तेल आदि आसानी से मिल जाता है. अगर मशीनों के जरिए कारोबार शुरू कर रहे तो बस सभी मशीनों को ठीक ढंग से ऑपरेट करना होगा. इसके लिए परिवार के सदस्यों या फिर कुछ स्टाफ हायर कर सकते हैं. चिप्स पर मसाला लगाना और पैकेजिंग जैसे काम मैनुअली कर लागत कम कर सकते हैं. लेकिन फिर समय की खपत ज्यादा होगी.
अच्छी कमाई के लिए मार्केटिंग जरूरी- चिप्स को बेचने के लिए मार्केटिंग स्ट्रेटजी अपनानी होगी. इसके लिए प्रोडक्ट और बिजनेस के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताना चाहिए ताकि चिप्स की बिक्री तेजी से जोर पकड़ सके. सोशल मीडिया के जरिये भी बिजनेस का प्रमोशन कर सकते हैं
आलू की चिप्स बनाने की प्रक्रिया -
सबसे पहले रॉ मैटेरियल्स जैसे की आलू, नमक और मिर्च पाउडर खरीदना होगा. आलू को टैंक में डालकर साफ करें और मशीन या मैनुमली उसके छिलके निकालें. फिर मशीन से आलू को स्लाइस में काटें, और कटे टुकड़ों को पानी में धो लें और सुखाएं आलू स्लाइस सूखने के बाद उन्हें तेल में तलने का काम करना करें. अब तले हुए स्लाइसेज पर स्वादानुसार नमक और लाल मिर्च पाउडर या अन्य खास मसाले छिड़कें. आखिर में पैकेजिंग मशीन की मदद से पैक करें और फिर बाजार में सप्लाई करें.
FSSAI का लाइसेंस जरूरी- खाद्य पदार्थ होने के चलते प्रोडक्ट को बाजार में उतारने से पहले बिजनेस का रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत होगी. कारोबार का रजिस्ट्रेशन MSME के अंतर्गत करा सकते हैं इसके बाद ट्रेड लाइसेंस लेना होगा फिर अपने ब्रांड या कंपनी के नाम से बैंक अकाउंट और पैन कार्ड बनवाना होगा सबसे अहम तैयार चिप्स की टेस्टिंग मानी जाती है. खाद्य विभाग में प्रोडक्स का परीक्षण कराने के बाद FSSAI का लाइसेंस ले सकते हैं.
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मांग से साथ बढ़ेगी कमाई- FSSAI का लाइसेंस मिलने के बाद अपने ब्रांड का पैकेज्ड आलू चिप्स मार्केट में उतार सकते हैं. रॉ मैटेरियल की लागत की बात करें तो आमतौर पर थोक सब्जी मार्केट में आलू करीब 1,200 रुपये प्रति क्विंटल में मिलता है. इसके अलावा चिप्स बनाने में खर्च तेल और नमक मसालों पर होगा. शुरूआत में हजारों में कमाई होगी लेकिन मांग बढ़ने पर प्रोडक्शन बढ़ाते हुए महीने की कमाई को लाखों में तब्दील कर सकते हैं.