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Updated on: 21 August, 2019 10:45 AM IST

भारत का हर राज्य अपने एक अलग एवं अनोखे खान-पान की संस्कृति के लिए जाना जाता है. लेकिन एक बात सभी राज्यों में खास है और वो है नमकीन. जी हां, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि स्वाद और उसे बनाने की विधि में अतंर होने के बाद भी देश के लगभग हर राज्य में नमकीन का सेवन बड़े चाव से किया जाता है. यह उद्योग आज़ 25 प्रतिशत सीएजीआर की रफतार से आगे बढ़ रहा है, जिससे पता लगता है कि यहां कमाई के अपार संभावनाएं मौजूद है.

वैसे शादी हो या जन्मदिन या हो कोई पार्टी, साल का कोई भी महीना ऐसा नहीं होता, जब नमकीन की मांग ना हो. कोई मेहमान आ जाए तो सबसे पहले चाय नमकीन का ही नाशता कराना आज़ भी शिष्टाचार है.

रा मटैरियल

नमकीन के सैंकड़ों प्रकार हैं, अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की नमकीन बनाना चाहतें हैं. वैसे मूल रूप से नमकीन बनाने के लिए मसाले, तेल और बेसन आदि की जरूरत पड़ती है, जो आसानी से मार्केट में कहीं भी मिल जाएगी.

कितना करना होगा इन्वेस्टमेंट

शुरूआत में आप छोटे स्तर से यह काम प्रारंभ करते हुए आसपास या मौहल्ले में सेल कर सकते हैं. जिसके लिए किसी मशीन की आवश्यक्ता नहीं है. आप घर के सदस्यों के साथ मिलकर ही किराने की दुकानों या घर-घर जाकर नमकीन बेच सकते हैं. बाद में मुनाफा होने पर 50 से 60 हज़ार के बीच का इन्वेस्टमेंट प्रयाप्त है.

अगर आप चाहें तो काम में मदद के लिए दो चार वर्कर भी रख सकते हैं और अपने उत्पाद को एफएसएसएआई में रजिस्ट्रेशन भा कर सकते हैं. इससे आपके उत्पाद को जहां एक तरफ विशेष पहचान मिलेगी, वहीं आपको भी मुनाफा ज्यादा होगा

English Summary: scope in snacks making business
Published on: 21 August 2019, 10:48 AM IST

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