बदलती हुई जीवनशैली ने हमारे खान-पान एवं खान-पान से जुड़े तरीको को भी पूरी तरह से बदल दिया है. पश्चमी लाइफस्टाइल का प्रभाव हमारी खान-पान की संस्कृति पर भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. इस बात को एक बहुत सामान्य से उदाहरण से समझा जा सकता है, जैसे जो टिश्यू पेपर आज से एक दशक पहले तक महानगरों के पांच सितारा होटलों की शान हुआ करते थे, वो आज सभी के लिए जरूरी हो गए हैं. अब इन्हें जरूरी सामानों की श्रेणी में रखा जाने लगा है. आज के समय में पांच सितारा होटल्स से लेकर गली-नूक्कड की कोई दुकान, खाने के बाद टिश्यू हर कोई दे रहा है.
वजन में हल्का और कम खर्चिला होने के कारण ये खाद्य उद्दोग के लिए जरूरी हो गया है. इसी कारण से इसमें व्यापर के सुनहरे अवसर पनपने लगे हैं. बेरोजगारी के समय में भी टिश्यू उद्द्योग नए संभावनों से भरा हुआ है. ऐसे में अगर आप भी कम लागत लगाकर अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं तो आपके लिए टिश्यू बनाने का कार्य फायदेमंद साबित हो सकता है. चलिए आपको बताते हैं कि इस व्यापार को किस तरह से शुरू किया जा सकता है.
क्षेत्र एवं संसाधन
इस काम को किसी छोटी सी जगह पर भी किया जा सकता है, आपको बहुत अधिक जगह की जरूरत नहीं है. एक या आधा- कट्ठा जमीन भी इसके लिए बहुत है. कच्चे माल के रूप में मुख्य तौर पर पेपर रोल की जरूरत पड़ेगी. इस समय मार्केट में आराम से ये पेपर रोल प्रति किलो ग्राम कुछ 50 से 60 रूपए तक मिल रहे हैं. हां, आपको एक मशीन खरीदना होगा, जिसकी कीमत पांच लाख रूपये तक होगी. इसके लिए आप आसानी से श्रण ले सकते हैं. कई सरकारी योजनाएं भी आपके लोन लेने में सहायक होगी.
कैसे मिलेगा मार्केट
इस उत्पाद के लिए हर जगह मार्केट पहले से ही तैयार है. छोटे से खोमचे वालों से लेकर बड़े से बड़े पांच सितारा होटल्स तक में आपके उत्पाद की डिमांड है. आप किसी से भी संपर्क कर सकते हैं. एक औसत मुनाफे की बात करें तो आप हर महीने 30 से 40 हज़ार रूपये कमा सकते हैं.