उत्तर प्रदेश सरकार खादी ग्राम उद्योग के माध्यम से युवाओं को रोजगार देने का प्रयास कर रही है. इस योजना के माध्यम से ग्रामीण तबके के युवाओं को अधिक फायदा होने वाला है. इतना ही नहीं इस योजना के अंतर्गत शहरी युवाओं को भी लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है. क्योंकि खादी विकास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ बीस हजार की आबादी वाले कस्बों का नाम भी शामिल है.
हथकरघा रोजगार को अपना सकते हैं युवा
रोजगार की तलाश कर रहे युवा वासी खादी की इस परियोजना से जुड़कर हथकरघा का काम कर सकते हैं. इससे ना सिर्फ देश में खादी का प्रचलन बढ़ेगा बल्कि गुणवत्ता में भी सुधार आएगा. निसंदेह इसका लाभ पिछड़े क्षेत्र के युवाओं को होगा. रोजगार के सृजन से नए कार्यों का उदय होगा. इस बारे में ग्रामोद्योग आयोग पंजीकृत समितियों एवं संस्थाओं को सहायता प्रदान कर रही है. इसकी जानकारी आयोग के वेबसाइट पर जाकर प्राप्त की जा सकती है. इतना ही नहीं बैंको द्वारा इसके लिए दस लाख रुपए तक की सहायता भी प्रदान की जा रही है. साथ ही सामान्य वर्ग को 4 प्रतिशत से अधिक, ब्याज की धनराशि ब्याज उपादान पर दी जा रही है.
लाभार्थियों की श्रेणी-
इसके लिए पॉलिटेक्निक प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगार युवक/युवतियां, शिक्षित बेरोजगार, महिलाएं आदि प्रयास कर सकती हैं. हालांकि पॉलिटेक्निक प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को अधिक प्राथमिकता दी जाने की बात कही गई है.
प्राचीन समय से होता रहा है खादी का उपयोग
हाथ से बुनाई का कार्य प्राचीन समय से चला आ रहा है. सिंधु सभ्यता तक में भी कपड़ों पहनने की परम्परा विकसित थी. खादी पहनने के साक्ष्य मोहनजोदड़ो की सभ्यता में भी मिला है. आज भले ही फैशन के दौर में खादी की रफ़्तार कम हो गई हो, लेकिन सरकारी कोशिशों के कारण खादी एक बार फिर युवाओं को रोजगार देने में सक्षम हो रही है.