देश के नए और युवा कारोबारियों को प्रमोट करने के लिए केंद्र सरकार ने स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया को शुरू किया था। इसके तहत कारोबारियों को कई सुविधाएं दी जा रही है।
कारोबारियों को फंड जुटाने से लेकर टैक्स छूट का फायदा मिल रहा है। इसके अलावा, देश के सफल कारोबारियों के साथ नेटवर्क बनाने का मौका भी मिलेगा। लेकिन इन सबका फायदा तभी मिलेगा जब आप सरकार के साथ खुद को रजिस्टर करेंगे और सभी शर्तों को पूरा करेंगे।
किसे कहा जाता है स्टार्टअप
सरकार ने अपने प्रोग्राम के तहत स्टार्टअप की परिभाषा दी है।
डीआईपीपी की गाइडलाइन के मुताबिक, सरकारी फायदे उठाने के लिए कंपनी का 1 अप्रैल 2016 को इनकॉरपोरेट होना जरूरी है।
उस कंपनी के ऑपरेशन को पांच साल से ज्यादा वक्त हुआ हो।
कंपनी का सालाना टर्नओवर 25 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
कंपनी को इनोवेशन, डेवलपमेंट, टेक्नोलॉजी या आईपी द्वारा नया प्रोडक्ट, प्रोसेस या सर्विसेज का ऑफर देना होगा।
ऐसे करें सरकार के साथ रजिस्टर
किसी भी स्टार्टअप को अगर सरकार के साथ रजिस्टर होना है तो वह स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन एप्लीकेशन भर सकता है।आप http://www.startupindia.gov.in/registration.php पर जाकर अपनी सारी डिटेल भरें। एप्लीकेशन भरने के साथ-साथ स्टार्टअप्स को खुद की योग्यता को साबित करने के लिए डॉक्युमेंट जमा कराने होंगे।सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इंक्युबेटर से योग्यता पत्र लेना होगा।
अगर डॉक्युमेंट अपलोड करने में परेशानी आ रही है तो आप स्टार्टअप इंडिया हब के टॉल फ्री नंबर 1800115565 पर कॉल कर सकते हैं।
सरकार ऐसे करेगी मदद…
सेल्फ सर्टिफिकेशन – स्टार्टअप्स पर रेग्युलेटरी बोझ कम करने के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन का फायदा दिया जाएगा।
आमतौर पर कारोबारियों को विभिन्न लेबर और एन्वायरमेंट कानूनों को पूरा करना पड़ता है।.लेकिन रजिस्टर करने के बाद उनको इस सबसे मुक्ति मिल जाएगी।
वह स्टार्टअप मोबाइल ऐप के जरिए 9 लेबर और एन्वायरमेंट कानूनों के साथ सेल्फ सर्टिफाइ कम्पलायन्स कर सकते हैं।
3 साल के लिए कोई इन्सपेक्शन नहीं होगा।.
हर साल 2500 करोड़ रुपए का फंड
सरकार ने 2,500 करोड़ रुपए की शुरुआती रकम के साथ फंड ऑफ फंड बनाया है।
4 साल के दौरान सिडबी की ओर से 10 हजार करोड़ रुपए का फंड बनाया गया है।
सरकार के साथ रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स को यह फंड दिया जा सकता है।
यह फायदा भी आपको मिलेगा
स्टार्टअप इंडिया पॉलिसी के तहत आने वाले स्टार्टअप्स अब इनकम टैक्स एक्ट, 1961 सेक्शन 80-आईएसी के तहत पहले सात साल में से तीन साल टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं।
इससे पहले पांच साल में तीन साल टैक्स छूट दी जाती थी। सरकार को कई प्रस्ताव मिले थे जिसमें कहा गया था कि स्टार्टअप्स अपने ऑपरेशन के शुरुआती सालों में प्रॉफिट नहीं कमा पाते हैं।