इस साल मौसम की मार के कारण किसानों को गेंहू की फसल से कुछ खास फायदा नहीं मिल पाया है. इसलिए अब वह ज्यादा मुनाफा देने वाली फसलों के बारे में सोच रहे हैं. ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को हर संभव सहायता पहुंचाने में जुटा है. अब उसने एक ऐसी तकनीक तैयार की है. जिसके जरिए किसान समय से पहले ही फसल तैयार करने में कामयाब होंगे. साथ ही उनकी बिक्री कर ज्यादा कमाई कर सकेंगे. तो आइए, इस नई तकनीक के बारे में जानें...
किसानों को प्रशिक्षित करने की तैयारी
दरअसल, बिहार के बेगूसराय में स्थित खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र प्रोटेक्टेड तकनीक से बीजों का उत्पादन कर रहा है. इसके साथ ही वह किसानों को भी इस तकनीक को लेकर प्रशिक्षित करने की योजना बना रहा है. चूंकि ज्यादातर किसान इस वक्त सब्जियों की खेती करने की तैयारी में जुट गए हैं. ऐसे में यह प्रोटेक्टेड तकनीक किसानों की आमदनी बढ़ाने में कारगर साबित होगा. कहा जा रहा है कि इस तकनीक के जरिए फसलों के बीज समय से एक महीने पहले ही तैयार हो जाएंगे. प्रोटेक्टेड तकनीक से जिन सब्जियों के बीज तैयार होंगे, उनमें टमाटर, बैंगन, लहसुन, मिर्च, ब्रोकली, पत्ता गोभी, फूलगोभी आदि शामिल हैं.
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टाइम की होगी बचत
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रोटेक्टेड तकनीक से बीज का उत्पादन ठंड के दिनों में होता है. इस तकनीक के जरिए जनवरी महीने में बीज का उत्पादन होता है. इसके बाद फरवरी में किसान उन बीजों को खेतों में लगा सकते हैं. इससे टाइम की बचत होगी. फसल एक महीने में ही तैयार हो जाएंगे. जिन्हें बेचकर किसान बंपर कमाई कर सकते हैं. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि इस तकनीक का इस्तेमाल करके गर्मी की फसलों को ठंड में लगाया जाता है.
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कुछ जरूरी बातें
यहां जरूरी बात ये है कि उन फसल को खेतों में लगाने के लिए मौसम प्रतिकूल होना चाहिए. इसका कारण ये है कि प्रोटेक्टेड तकनीक में तापमान मेंटेंड रहता है. बाहर के तापमान उसके बराबर रहे तभी उन बीजों को लगाना है. इसके अलावा मिट्टी, तापमान और जलवायु पर भी ध्यान देना होगा. इस तकनीक का इस्तेमाल करने से पहले इसका प्रशिक्षण लेना जरूरी है. कृषि विज्ञान केंद्र इसके लिए हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है.