भारत का शायद ही कोई राज्य ऐसा होगा, जहां आलू के चिप्स न पसंद किए जाते हो. यही कारण है कि चिप्स को लेकर लगभग जितने भी स्टार्टअप्स शुरू हुए, वो सभी सफल हुए. बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी भारत के इस स्वाद को समझने में कामयाब रही और उन्होंने विदेशी चिप्स को देशी स्वाद के फलेवर में बेचना शुरू कर दिया.
वैसे चिप्स बनाने का कार्य ग्रामीण भारत में बहुत पहले से होता आया है. लेकिन आमतौर पर वहां लोग इसका निर्माण बिज़नेस पर्पस से नहीं करते. ऐसे में एक बहुत बड़ा बाजार खाली पड़ा है, जहां आप अपने उत्पाद को बेच सकते हैं. इस धंधें में अधिक श्रम की भी आवश्यक्ता नहीं है और लागत भी कम आती है, जिस कारण इसे कोई भी कर सकता है. चलिए आपको इसके व्यापार के बारे में बताते हैं.
एक कमरा भी पर्याप्त
इस काम को करने के लिए सामान्य रूप से एक कमरा ही बहुत है. हालांकि कमरा साफ-सुथरा एवं कीट-मकोड़ों से रहित हो, इसका खास ध्यान रखा जाना चाहिए. कमरे की समय-समय पर सफाई भी जरूरी है.
इन मशीनों की पड़ेगी जरूरत
इस बिजनेस को तीन स्तर पर शुरू किया जा सकता है. लागत को ध्यान में रखते हुए आपको फैसला करना है कि आप लघु स्तर पर इस काम को शुरू करना चाहते हैं या मध्यम स्तर पर. आप चाहें तो सीधे ही बड़े स्तर इस काम को शुरू कर सकते हैं. चिप्स बनाने के लिए आलू पीलिंग मशीन, आलू स्लाइसिंग मशीन, स्पाइस कोटिंग आदि मशीनों की जरूरत पड़ती है. इन मशीनों के दाम जरूरत के अनुसार अलग-अलग है. वैसे हमारा सुझाव है कि पहली बार इस काम को शुरू करने जा रहे हैं, तो शुरवात छोटे स्तर से ही करें.
आलू चिप्स बनाने की प्रक्रिया
चिप्स बनाने के लिए सबसे पहले आलू को धोने के बाद उनको पीलिंग मशीन में डाल दें. छिलकों के हटने के बाद स्लाइसिंग मशीन में डाल दें. आलू के एक आकार में कटने के बाद इन्हें कुछ देर तक पानी में पानी में डुबाकर रखें और उसके बाद तेज धूप में सूखने के लिए छोड़ दें. चिप्स के अच्छे से सुखने के बाद आप इसे बाजार में कच्चा ही बेच सकते हैं.