GFBN Story: अपूर्वा त्रिपाठी - विलुप्तप्राय दुर्लभ वनौषधियों के जनजातीय पारंपरिक ज्ञान, महिला सशक्तिकरण और हर्बल नवाचार की जीवंत मिसाल खुशखबरी: ढेंचा उगाने पर राज्य सरकार देगी 1,000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि, जानें कैसे उठाएं योजना का लाभ छत या बालकनी में करें ग्रो बैग से खेती, कम लागत में मिलेगा अधिक मुनाफा, जानें पूरी विधि किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 3 August, 2023 3:19 PM IST
Canal Irrigation Business

आज के इस दौर में नौकरी से कहीं अधिक पैसा अपने बिजनेस में होता है. इसलिए देखा जाए तो ज्यादातर लोग अपना खुद का छोटा ही सही लेकिन वह व्यवसाय कर रहे हैं. अगर आप भी अपना खुद का अच्छा और सालों साल चलने वाले बिजनेस सर्च कर रहे हैं. तो शायद आपके लिए यह बिजनेस अच्छा विकल्प साबित हो सकता है.

बता दें कि जिस बिजनेस की हम बात कर रहे हैं, उसका नाम नहर की सिंचाई का बिजनेस (Irrigation business) हैं, जो गांव में सबसे अधिक सफल बिजनेस में से एक है. आइए एक नजर हम नहर पर डाल लेते है कि इसका क्या काम होता है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नहर (Canal) एक जलमार्ग होती है, जो खेतों से लेकर लोगों के कई जरूरी कामों को पूरा करने के लिए बनाई जाती है. देखा जाए तो नहर का खासतौर पर इस्तेमाल खेत में फसलों की सिंचाई (Irrigation of crops) करने के लिए किया जाता है. पुराने समय से ही किसान भाई अपने खेत में नहर के पानी से ही सिंचाई करते आ रहे हैं. भारत में सिंचित भूमि का लगभग 24 प्रतिशत तक ही है.

नहर सिंचाई के प्रकार

एक आप्लावन नहरें और दूसरा बारहमासी नहरें इन दोनों की प्रकार से किसानों को लाभ मिलता है.

आप्लावन नहरें: इस तरह की नहर को सीधे तौर पर नदियों से बाहर निकाला जाता है. इस पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए नदी के शीर्ष पर मेड़ या फिर अन्य संरचना नहीं बनी होती है. मिली जानकारी के मुताबिक, आप्लावन नहरें देश के ब्रह्मपुत्र घाटी और सतलज और गंगा नदियों के मैदानी इलाकों में सबसे अधिक देखने को मिलती है.

बारहमासी नहरें: इस तरह की नहर सांभर पानी का एक अच्छा प्रवाह बनाए रखती हैं. लेकिन इसमें पानी के प्रवाह व पानी की सफाई के लिए मेड़ बनाए जाते हैं और साथ ही कई तरह के कार्य भी समय-समय पर बारहमासी नहरों पर किए जाते हैं.

ऐसे करें नहर का बिजनेस

अगर आप गांव में रहते हैं, तो यह बिजनेस (Business) आपके लिए अच्छा है. क्योंकि किसान अक्सर अपने खेत में नहर के पानी का इस्तेमाल करते हैं. इस तरह से आप नहर की सफाई व पानी की देखरेख कि किस खेत में कितना पानी जाना है व इसे जुड़े कार्य से आप लाभ कमा सकते हैं.

यह भी पाया गया है कि कुछ किसान अपने खेत में बिना किसी की मंजूरे के नहर को तोड़कर पानी का इस्तेमाल करते हैं. इसकी सुरक्षा के तौर पर भी लोगों को रखा जाता है.

ये भी पढ़ें: नारियल पानी बिजनेस के लिए लाइसेंस प्रक्रिया और जानें लागत व कमाई

इन सब कार्य के लिए आपको अपने नजदीकी जल विभाग से संपर्क करना होगा.

मिली जानकारी के मुताबिक, नहर की सुरक्षा व अन्य कार्य को करने के लिए सरकार के द्वारा टेंडर भी निकाले जाते हैं. आप चाहे तो इस टेंडर को पाकर भी सरकार से अच्छी कमाई कर सकते हैं.

English Summary: Canal Irrigation Business Earn thousands and millions from canal business
Published on: 03 August 2023, 03:25 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now