कोरोना महामारी में अचानक नौकरी जाने के बाद युवाओं का रुख बिजनेस की ओर ज्यादा बढ़ा है. युवा नौकरी तलाशने से ज्यादा फोकस बिज़नेस शुरू करने पर काम कर रहे हैं. ऐसे में आपको कम लागत में ज्यादा से ज्यादा रिटर्न देने वाले बिजनेस की जानकारी दे रहे हैं. हम केले के चिप्स की बात कर रहे हैं. बनाना चिप्स खाने में बेहद टेस्टी और हेल्दी होती है. जिसे व्रत में भी खाया जाता है. खास बात ये है कि अब तक कोई बड़ी कंपनी इस बिजनेस में नहीं है. मार्केट में बनाना चिप्स की मांग काफी बढ़ने लगी है क्योंकी इसे हेल्दी स्नैक माना जाता है आइए आपको बताते है बनाना चिप्स का बिजनेस शुरू करने से लेकर लागत और कमाई के बारे में.
लागत- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने केला की चिप्स बनाने के प्रोसेसिंग बिजनेस में खर्च से लेकर आमदनी का अनुमान लगाया है, जिसके अनुसार, केला चिप्स बनाने के बिजनेस में करीब साढ़े 4 लाख रुपये का शुरुआती खर्च आता है क्योंकि वर्कशेड बनाने पर ढाई लाख, मशीनों पर डेढ़ लाख और वर्किंग कैपिटल के लिए 50 हजार का फंड जरूरी होगा.
इन सामान की होगी जरूरत- बनाना चिप्स का बिजनेस शुरू करने के लिए कम से कम 5 हजार sq ft जमीन की जरूरत होगी. कच्चा केला, मसाला, तेल आदि की जरूरत होगी फिर कच्चे केले को साफ करने, उसके छिलके हटाने और उन्हें चिप्स के शेप में काटने के लिए मशीन की जरूरत होगी. साथ ही चिप्स तैयार होने पर चिप्स को पैक भी करना होगा.
कमाई - खादी और ग्रामोद्योग आयोग की रिपोर्ट मुताबिक़ इस प्रोसेसिंग बिजनेस से आप हर साल 24 टन बनाना चिप्स बना सकते हैं, जिसकी कुल कीमत करीब एक लाख रुपए होगी. यदि यूनिट में उत्पादन क्षमता 100 फीसदी है तो साल में 18,00,000 रुपये का केला चिप्स बेच सकते हैं, जिसमे 8,11,300 का ग्रॉस सरप्लस होगा. बिजनेस के सारे खर्चों को निपटाकर देखें तो 7,83,000 रुपये की आमदनी हो सकती है यानी हर महीने 60,000 से 65,000 रुपये की आमदनी होगी.
ऐसे मिलेगी आर्थिक मदद- प्रोसेसिंग बिजनेस को भारत सरकार भी प्रमोट कर रही है. ऐसे में आप बनाना चिप्स बनाने का प्रोसेसिंग बिजनेस चालू कर रहे है तो केंद्र सरकार की सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में आवेदन कर सकते हैं इस स्कीम के तहत फल, सब्जी, मसाले, फूल और अनाजों की प्रोसेसिंग, वेयर हाउस और कोल्ड स्टोरेज या दूसरी फूड बेस्ड इंडस्ट्री लगाने पर लागत की 35 फीसदी सब्सिडी मिलती है. पात्रता बताकर अधिकतम 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद सरकार से ले सकते हैं.
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मुद्रा लोन भी देती सरकार- बिज़नेस शुरू करने में अगर शुरुआती फंडिंग में कुछ परेशानी आ रही तो प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में आवेदन करके लोन ले सकते हैं बता दें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में नॉन-कॉर्पोरेट छोटे उद्यमों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. बिजसेन के लिए सरकार 10 लाख तक का लोन देती है