पान एक बहुवर्षीय बेल है जिसे एक बार उगाने से कई वर्षों तक पत्तियां आती रहती है, भारत में पान के पत्तों का इस्तेमाल धार्मिक स्थानों, पाठ-पूजा के साथ-साथ खान-पान में भी किया जाता है. ऐसा मानना है कि पान खाने से मुंह में शुद्धता बनी रहती है. पान में औषधिय गुण भी पाए जाते है, जिसमें विटामिन सी, प्रोटीन और बहुत सारे लाभदायक पदार्थों की मौजूदगी होती है, और यह पाचन प्रक्रिया में भी बेहद लाभदायक है.
जानिएं किन इलाकों में होती है पान की अच्छी खेती
पान की खेती के लिए अनुकूल वातावरण की जरूरत होती है. इसकी खेती उन इलाकों में अच्छी होती है जहां बारिश की वजह से नमी बरकरार रहती है. भारत में दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्य पान की खेती के लिए अनुकूल है. बता दें कि पौधों को अधिक ठंड और गर्मी में नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए इन पौधों को न्यूनतम 10 डिग्री से अधिकतम 30 डिग्री तक के तापमान की जरुरत होती है.
पान की खेती के लिए कैसे करें खेत तैयार
पान की खेती के लिए नमी और छायादार वाली जगहों को चुने, और उस खेत की अच्छे से जुताई करें, जिससे पुरानी फसल के सारे अवशेष नष्ट हो जाएं. इसके बाद खेत में खाद डाल लें और कुछ वक्त के लिए इसे छोड़ दें. बरेजा बनाने से पहले खेत की आखिरी बार जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लें.
बरेजा का निर्माण
पान की खेती अधिक वर्षादार क्षेत्रों में की जाती है जहां पर तापमान सामान्य रहता है, लेकिन अधिकतर इलाकों में बरेजा प्रणाली से पान की खेती की जाती है. बरेजा के लिए सबसे पहले खेत में 1-1 मीटर की दूरी पर बांस के डंडे गाढ़ दें, जिसके बाद इनके ऊपर पिंचियों को बांधकर छप्पर जैसा बना लें, और अच्छे से इन्हें बांध ले ताकी तेज आंधी में पौधों को कोई नुकसान न पहुंचे.
पान के पौधों की रोपाई
पान के बेल की रोपाई खेत में तैयार पंक्तियो में की जाती है. इसके लिए तैयार पंक्ति के दोनों ओर बेलों को लगा दिया जाता है, और हर बेल के बीच 15 से 20 CM की दूरी रखी जाती है. बेल रोपाई के पश्चात् खेत में तराई के लिए पानी डाला जाता है. बेल रोपाई के लिए शाम के समय को सबसे अच्छा माना जाता है. इससे बेलो के ख़राब होने की संभावनाएं बहुत कम हो जाती है.
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कितनी हो सकती है कमाई
पान के पौधों से किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है, यदि एक हेक्टेयर के खेत में लगभग 60 हजार पौधे लगाए जाते है तो, इससे हर वर्ष प्रत्येक पौधे से 50 से 60 पत्तियां प्राप्त हो जाती है. जिससे कि एक बार की फसल से तकरीबन 30 लाख पान की पत्तियां मिल जाती है. जिसका बाजार में भाव 1 रुपया प्रति पत्ती है.