नए साल की शुरुआत होते ही त्योहारों का आना शुरू हो जाता है. कई त्योहार ऐसे होते हैं, जो किसानों का प्रतिक है जैसे बसंत पंचमी (Basant Panchmi). जी हां, हर नए साल की तरह भारत में उत्सवों की शुरुआत होती है. पिछले दो वर्षों में मनाए गए उत्सवों के साथ कोविड -19 की छाया में आने के साथ यह उम्मीद है कि 2022 सुरक्षित होगा, लेकिन अभी यह कह पाना मुश्किल है.
क्यों मनाते हैं बसंत पंचमी (Why we celebrate Basant Panchami)
बसंत पंचमी को शैक्षणिक संस्थानों, घरों और मंदिरों में देवी सरस्वती के जन्मदिन का प्रतीक माना जाता है. इस दिन हिंदू पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ ज्ञान, कला और संगीत की देवी सरस्वती की पूजा करने के लिए सरस्वती पूजा करते हैं. बसंत पंचमी हिंदू कैलेंडर में 'माघ' के महीने में शुक्ल पक्ष की 'पंचमी' को मनाई जाती है. जो अंग्रेजी कैलेंडर में जनवरी-फरवरी के महीने से मेल खाती है. यह त्योहार भारत में वसंत ऋतु की शुरुआत का भी प्रतीक है.
किसानों के लिए क्यों खास है बसंत पंचमी (Why Basant Panchami is special for farmers)
लोहड़ी की तरह ही खास बात यह है कि यह दिन किसानों के लिए जश्न मनाने के लिए उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि कृषि क्षेत्र में सरसों की फसल पीले फूलों से भरी होती हैं.
बसंत पंचमी 2022 का दिन (Basant Panchami 2022 day)
इस साल बसंत पंचमी शनिवार 5 फरवरी, 2022 को मनाई जाएगी.
बसंत पंचमी 2022 का समय (Basant Panchami 2022 time)
- कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, 2022 में वसंत पंचमी मुहूर्त पर पूजा करने का शुभ समय सुबह 06:45 बजे से दोपहर 12:34 बजे तक है.
- पंचमी तिथि शुरू - 05 फरवरी, 2022 को सुबह 03:47 बजे
- पंचमी तिथि समाप्त - 06 फरवरी, 2022 को सुबह 03:46
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कैसे मनाते हैं बसंत पंचमी (How to celebrate Basant Panchami)
इस समारोह को मनाने के लिए भक्त पीले कपड़े पहनते हैं, क्योंकि यह जीवन की जीवंतता और प्रकृति की जीवंतता का प्रतीक है. युवा लड़कियां विशेष रूप से चमकीले पीले रंग के कपड़े पहनती हैं और उत्सव में भाग लेती हैं.
इसके साथ ही कई प्लेटफार्मों पर काव्य और संगीत समारोह आयोजित किए जाते हैं. इस दिन बंगाली परिवारों में छोटे बच्चों को पहली बार अक्षर लिखना सिखाया जाता है. उत्सव में भाग लेने के लिए लोग पीले रंग के कपड़े भी पहनते हैं.
इस दिन को कुछ नया करने, शादी करने या गृह प्रवेश करने के लिए भी माना जाता है. एक तरह से यह दिन किसी भी चीज़ की शुरुआत करने के लिए शुभ माना जाता है.