हम आज इस लेख के ज़रिये जानेंगे कि आंगनवाड़ी क्या है? आंगनवाड़ी केंद्र में क्या-क्या सुविधाएं होती हैं? एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की क्या भूमिका होती है? वग़ैरह के विषय में. आंगनवाड़ी से जुड़ी हर जानकारी के लिए इस ख़बर को पूरा ज़रूर पढ़ें.
क्या है आंगनवाड़ी?
बाल-पोषण, प्रसव पूर्व-प्रसव के बाद, विद्यालय शिक्षा, बच्चों के टीकाकरण में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का अहम रोल होता है. आंगनवाड़ी छोटे बच्चों के पोषण, सेहत व शिक्षा से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सरकार समर्थित एक केंद्र है. यह केंद्र 6 साल तक के बच्चों, टीन एज युवतियों और गर्भवती महिलाओं व ऐसी माता जो शिशु की देखभाल करती है, उनकी ज़रूरतों को पूरा करता है.
किसी भी ग्राम पंचायत में जनसंख्या के मुताबिक़ एक या इससे ज़्यादा आंगनवाड़ी केंद्र हो सकता है. 400 से 600 की आबादी पर एक आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित किया जाता है. शिक्षा, स्वास्थ्य और संबंधित विभागों के अधिकारियों से तालमेल करते हुए केंद्र का संचालन कार्यकर्ता और सहायक करते हैं और ICDS (समन्वित बाल विकास योजना) का क्रियान्वयन करते हैं.
एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की भूमिका
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हर महीने हर एक बच्चे का वज़न जांच कर विकास कार्ड में दर्ज करना
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मातृ व बाल सुरक्षा कार्डों का रख-रखाव करना
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3 से 6 साल तक के बच्चों के लिए विद्यालय पूर्व गतिविधियों का संचालन करना
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0-6 साल तक के बच्चों, गर्भवति महिलाओं के लिए अनुपूरक पोषणयुक्त आहार का इंतज़ाम करना
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स्तनपान और शिशु आहार को लेकर माताओं को ज़रूरी परामर्श देना
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हैजा, दस्त, कुपोषण आदि बीमारियों के मामलों को स्वास्थ्य केंद्र भेजना
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घरों में बच्चों की विकलांगता की पहचान करना और उन मामलों को पीएचसी या विकलांगता पुनर्वास केंद्र भेजना आदि
आंगनवाड़ी केंद्र में होनी चाहिए ये सुविधाएं
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एक भवन जो 63 वर्गमी. या 650 वर्गफीट से कम न हो
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बाधामुक्त बरामदा
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मज़बूत खिड़कियों और दरवाज़ों वाले कमरे
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साफ़-सुथरा किचन
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पीने का साफ़ पानी, स्वच्छता और साफ़-सफ़ाई का विशेष ध्यान
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बिजली की अच्छी सुविधा
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साफ़ और गंदगी से मुक्त शौचालय
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आंगनवाड़ी केंद्र में ज़रूरत के हिसाब से हर सुविधा होनी चाहिए, जैसे बाल्टी, झाड़ू, ब्रश वग़ैरह
ग़रीबी रेखा से नीचे के परिवारों में जन्में बच्चों को अपने घरों में बुनियादी सुविधाओं के अभाव में वो शुरुआती परवरिश नहीं मिल पाती जिनके वो हक़दार हैं. इसलिए ये ज़रूरी है कि आंगनवाड़ी केंद्रों को बेहतर से सर्वोत्तम बनाया जाए ताकि हर बच्चे को समान अवसर मिल पाए. जिससे उसकी शारीरिक और मानसिक वृद्धि बग़ैर किसी अड़चन के हो सके.
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