GFBN Story: अपूर्वा त्रिपाठी - विलुप्तप्राय दुर्लभ वनौषधियों के जनजातीय पारंपरिक ज्ञान, महिला सशक्तिकरण और हर्बल नवाचार की जीवंत मिसाल Weather Update: अगले 7 दिनों तक पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में आंधी और बारिश का अलर्ट, जानें अपने शहर का हाल Seeds Subsidy: बीज खरीदने पर राज्य सरकार देगी 50% सब्सिडी, जानिए कैसे मिलेगा लाभ किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 19 November, 2019 6:21 PM IST

एक ही सब्जी का स्वाद लोगों के लिए अलग-अलग कैसे हो सकता है. क्या कारण है कि जो सब्जी दूसरों को स्वादिष्ट लगती है वो आपको खाने में तनीक भी अच्छी नहीं लगती. क्यों ऐसा होता है कि कुछ सब्जियों को बच्चें खाना तो दूर देखना भी पसंद नहीं करते. क्या आपने कभी सोचा है कि मष्तिष्क किस तरह हमारे भोजन के स्वाद को प्रभावित करता है. चलिये आज हम आपको बताते हैं कि कुछ सब्जियां हमे बिलकुल भी अच्छी क्यों नहीं लगती है.

जीन्स है मना करने का कारणः

जब भी घर में कोई सब्जियों को खाने से मना करता है तो हम सोचते हैं वो बहाना बना रहा है. बच्चों को तो अक्सर इस बात को लेकर डांट और मार दोनों पड़ती है. आम धारणा यही है कि लोगों की चटोर जीभ ही खाने के स्वाद को प्रभावित करती है. लेकिन अभी हाल ही में बीबीसी द्वारा एक शोध हुआ जिसके मुताबिक कुछ सब्‍जियों का टेस्‍ट ना पसंद आने का कारण हमारे जीन्‍स से होता है.

शोध में हुआ खुलासाः

केंटुकी यूनिवर्सिटी की शोध में ये खुलासा हुआ कि लोगों के शरीर में पायी जाने वाली जीन्स स्वाद को प्रभावित करती है. शोध में पाया गया कि मानव शरीर में अलग-अलग 25 स्‍वाद ग्राही होते हैं. जिन्हें दो वेरिएंट AVI और PAV में बांटा जा सकता है. 50 फीसदी लोगों के पास AVI और PAV दोनों वेरिएंट होता है. जिस कारण वो कड़वा और मीठा दोनों ही स्‍वाद महसूस कर सकते हैं. इसी तरह अन्‍य 25 फीसदी लोगों के पास AVI की दो कॉपियां होती हैं. इन्हें नॉन-टेस्‍टर्स भी कहा जाता है और ये कड़वे खाने के प्रति ज़रा भी संवेदनशील नहीं होते हैं. वहीं अन्य 25 फीसद को 'सुपर टेस्‍टर्स' की श्रेणी में रखा गया है. इनके पास PAV की दो कॉपियां होती हैं और ये कड़वे स्‍वाद को लेकर कुछ अधिक गंभीर रहते हैं

हालांकि रिसर्च ये भी कहती है कि उम्र के साथ जीन्‍स में बदलाव हो सकता है और खाना पकाने के तरीकों में बदलाव करके या सब्जियों को अन्य किसी तरीकों से बनाकर खाया जा सकता है.

English Summary: this is the reason why you not like some vegetables or foods
Published on: 19 November 2019, 06:25 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now