साधारण सा दिखने वाला जूस का कारोबार जो अक्सर आपको शहर के गलियों और चौक चौराहा पर आपको दिख जाएंगे जहां पर हाथ निर्मित मशीन का उपयोग कर लोगों को जूस पिलाते आपको दिखाई देते हैं. जहां पर खास करके इतनी देर सफाई और बैठने की व्यवस्था भी नहीं होती उसमें इक्का-दुक्का कुछ राहगीर जो है रुक के और जूस पीते हैं. शायद उनको नहीं पता होता है कि यह कितने गुणकारी चीज है. अगर इसको आधुनिक और संस्थागत रूप दिया जाए तो यह ग्रामीण समृद्धि में काफी कारगर साबित हो सकती है. यह कई प्रकार के समूहों को रोजगार के लिए वरदान के समान साबित हो सकती है. वर्तमान में गन्ना उत्पादन और किसानों की हालत पर विश्लेषण करते हैं.
देश में लगभग 10 राज्यों में खास करके उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र कर्नाटक बिहार में गन्ना बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है. यहाँ पर किसान जो है उनका लगभग 80% से 90% गन्ना शुगर मिल में जाता है. गन्ना गुण बनाने और अन्य शक्कर और जूस के कारोबार में इस्तेमाल किया जाता है. जबकि गन्ने से और भी कई उत्पाद बनाए जा सकते हैं. आज बहुत कम लोगों को पता होगा कि इसके वेस्टेज पत्तों से भी बहुत उन्नत किस्म का ईंधन प्राप्त किया जा सकता है. अगर इसके पत्तों को जलाकर और गोबर में मिलाकर अगर उपला बनाया जाए तो यह अत्यंत ज्वलनशील ईंधन के रूप रूप में काम करता है. वर्तमान में गन्ना उत्पादक किसानों के सामने भी कई प्रकार की समस्याएं हैं. कई राज्यों में शुगर मिलों द्वारा गन्ना किसानों को उचित मूल्य भी नहीं दिया जाता है.इन किसानों के लिए गन्ना उत्पादन वरदान साबित हो सकता है अगर जूस कारोबार को आधुनिक रूप दिया जाए और संस्थागत रूप दिया जाए. बेहतर पैकेजिंग ब्रांडिंग के अभाव में यह अभी भी फुटपाथ कारोबार के रूप में अभी काम कर रहा है.
आइए गन्ने के रस के गुण के बारे में कुछ जानते हैं.
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लीवर के रोग पीलिया और अन्य शरीर के गंदगी और विकारों को हटाने में यह काफी बेहतर पेय पदार्थ है.
शरीर को शीतल तरल रखने के साथ-साथ यह काफी फायदेमंद है. भारत व्रत और त्योहारों का देश है इसे पीने से दिनभर भूख कम लगती है.
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सबसे बेहतर इसमें मिश्रण के रूप में नींबू और पुदीने का रस डाला जाता है जो काफी फायदेमंद बनाता है खासकर के पेट संबंधी रोगों के लिए. जबकि बाजार में उपलब्ध शीतल पदार्थ जैसे कोल्ड ड्रिंक्स शरीर को फायदा पहुंचाने के बजाय शरीर को हानि ही पहुंचाते हैं. वह काफी महंगे दामों में बिकते हैं.
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जूस उत्पादन करने वाले व्यापारियों को यह प्रशिक्षण दिया जाए कि अच्छे गन्ने की वैराइटी में 91 और जीरो 238 के अच्छे रस निकलते हैं और सफेद होता है जो देखने में अच्छा लगता है.