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Updated on: 4 October, 2024 2:20 PM IST
मां दुर्गा के पूजा के नियम, सांकेतिक तस्वीर

Sharadiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में भक्त मां कि कृपा पाने के लिए नवरात्रि के पूरे दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं. इन दिनों में व्रत रखने, जप-तप, पूजा पाठ करने से जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है. माना जाता है कि मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. वही, अगर नियमों के अनुसार पूजा न की जाएं तो हमें पूजा का फल नहीं मिलता है. तो ऐसे में आइए जानते हैं नवरात्रि के कुछ खास नियमों के बारें में जिसका पालन करके भक्त अपनी पूजा को सफल बना सकते हैं.

नवरात्रि की पूजा के विशेष नियम

संकल्प

नवरात्रि के पहले दिन सही संकल्प लेना आवश्यक है. यह संकल्प भक्त की भक्ति और समर्पण का प्रतीक है. सही उद्देश्य के साथ संकल्प करने से पूजा का महत्व बढ़ जाता है.

पाठ करना

नवरात्रि के नौ दिन मां का विधि विधान से पाठ किया करना चाहिए, जैसे दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा, दुर्गा कवच या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ. इसे मन को शांति मिलती है और मन में विकार उत्तपन्न नहीं होते, साथ ही मां दुर्गा कि कृपा बनी रहती है.

व्रत रखना

नवरात्रि में व्रत के दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए. जिसमें तेल मसाला बिलकुल भी शामिल न हो. साथ ही लहसन और प्याज का सेवन करना वर्जित है. 

घर में कलेश से बचें

नवरात्रि के दौरान पूजा-पाठ और व्रत रखने वाले भक्तों को लड़ाई-झगड़ा, बुरा बोलना, और क्लेश से दूर रहना चाहिए. नवरात्रि में की गई पूजा तभी सफल मानी जाती है जब भक्त पूरी श्रद्धा और अच्छे विचारों के साथ इसे करते हैं. तभी मां की कृपा आप पर बनी रहेगी.

भोग

मां दुर्गा को भोग अर्पित करना न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है. पूजा के बाद, अर्पित किया गया भोग भक्तों में बांटने से इसे प्रसाद का रूप मिलता है, जो इस दौरान श्रद्धा और प्रेम से तैयार किया गया भोग ही मां को अर्पित करें, जिससे पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है. और मां का आशिर्वाद मिलता है.

English Summary: Navratri puja is incomplete without these 5 rituals
Published on: 04 October 2024, 02:24 PM IST

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