RFOI Award 2025: UP के सफल किसान मनोहर सिंह चौहान को मिला RFOI अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI - First Runner-Up: सफल किसान लेखराम यादव को MFOI Awards 2025 में मिला RFOI-फर्स्ट रनर-अप अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI Award 2025: केरल के मैथ्यूकुट्टी टॉम को मिला RFOI Second Runner-Up Award, 18.62 करोड़ की सालाना आय से रचा इतिहास! Success Story: आलू की खेती में बढ़ी उपज और सुधरी मिट्टी, किसानों की पहली पसंद बना जायडेक्स का जैविक समाधान किसानों के लिए साकाटा सीड्स की उन्नत किस्में बनीं कमाई का नया पार्टनर, फसल हुई सुरक्षित और लाभ में भी हुआ इजाफा! Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 22 September, 2025 5:57 PM IST
माता रानी के नौ स्वरूपों की पूजा विधि (Image Source- Shutterstock)

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. साल में चार बार नवरात्रि आती है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान भक्त माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा करते हैं और व्रत-उपवास रखकर देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है. खास बात यह है कि हर दिन को एक विशेष रंग और भोग से जोड़ा गया है. भक्त उस दिन के अनुसार मां को उनका प्रिय भोग अर्पित करते हैं और साथ ही उसी रंग के वस्त्र धारण कर देवी की आराधना करते हैं. आइए जानते हैं नवरात्रि 2025 में कौन से दिन किस देवी की पूजा होगी, क्या रंग पहनें और माता को कौन सा भोग चढ़ाएं।

पहला दिन – मां शैलपुत्री

नवरात्रि का पहला दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप को समर्पित होता है. इस दिन का रंग सफेद है, जो शांति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है.

भोग – मां को घी से बनी खीर या अन्य सफेद व्यंजन अर्पित करने का विधान है.

महत्व – ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां शैलपुत्री का पूजन करने से मनुष्य के जीवन में स्थिरता और मानसिक शांति आती है.

दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है इस दिन का रंग लाल है, जो ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है.

भोग – मां को शक्कर या मिश्री से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है.

महत्व – मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से साधक को तप, त्याग और संयम की शक्ति मिलती है.

तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा

तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है. इस दिन का रंग नीला है, जो साहस और शक्ति का द्योतक है.

भोग – मां को दूध और दूध से बने व्यंजन जैसे खीर, पायसम या रसगुल्ला अर्पित करना शुभ माना जाता है.

महत्व – मां चंद्रघंटा की पूजा से भय और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.

चौथा दिन – मां कुष्मांडा

नवरात्रि का चौथा दिन मां कुष्मांडा को समर्पित है इस दिन का रंग पीला होता है, जो समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है.

भोग – मां को मालपुआ का भोग लगाया जाता है.

महत्व – मां कुष्मांडा को अन्नपूर्णा कहा जाता है उनकी पूजा से जीवन में ऊर्जा और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.

 

पांचवा दिन – मां स्कंदमाता

पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है इस दिन का रंग हरा है, जो नई शुरुआत और उन्नति का प्रतीक है.

भोग – मां को कच्चे केले से बनी मिठाई या बर्फी का भोग लगाया जाता है.

महत्व – मां स्कंदमाता की कृपा से परिवार में सुख-शांति और संतान की उन्नति होती है.

छठवां दिन – मां कात्यायनी

छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है इस दिन का रंग भूरा है, जो धरती और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है.

भोग – मां को शहद से बनी खीर या अन्य व्यंजन अर्पित करना शुभ होता है.

महत्व – मां कात्यायनी की आराधना विवाह योग्य कन्याओं के लिए विशेष फलदायी मानी जाती है.

सातवां दिन – मां कालरात्रि

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है इस दिन का रंग नारंगी है, जो साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक है.

भोग – मां को गुड़ से बना हलवा या अन्य व्यंजन अर्पित किया जाता है.

महत्व – मां कालरात्रि की पूजा से भय, रोग और शत्रुओं का नाश होता है.

आठवां दिन – मां महागौरी

आठवां दिन मां महागौरी को समर्पित है. इस दिन का रंग पीकॉक ग्रीन (मोरपंखी हरा) होता है.

भोग – मां को नारियल और नारियल से बने प्रसाद का भोग लगाया जाता है.

महत्व – मां महागौरी की पूजा से जीवन में शुद्धता और सौभाग्य बढ़ता है.

नौवां दिन – मां सिद्धिदात्री

नवरात्रि का नौवां और अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है. इस दिन का रंग गुलाबी है, जो प्रेम और सौम्यता का प्रतीक है.

भोग – मां को हलवा-पूरी और चने का भोग अर्पित किया जाता है.

महत्व – मां सिद्धिदात्री की पूजा से भक्त को सिद्धियां और विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.

माता नौ रानी के स्वरूपों की पूजा विधि

नवरात्रि के प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक स्वरूप की पूजा की जाती है प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें कलश स्थापना कर दीप जलाएं पहले दिन मां शैलपुत्री का ध्यान कर फल-फूल, लाल फूल व घी का भोग लगाएं द्वितीया को ब्रह्मचारिणी को दूध/शक्कर, तृतीया को चंद्रघंटा को मिठाई, चतुर्थी को कूष्मांडा को मालपुआ, पंचमी को स्कंदमाता को केले, षष्ठी को कात्यायनी को शहद, सप्तमी को कालरात्रि को गुड़, अष्टमी को महागौरी को नारियल, नवमी को सिद्धिदात्री को खीर अर्पित करें अंत में आरती कर प्रसाद वितरित करें.

English Summary: navratri 2025 nine days puja vidhi of durga avatars
Published on: 22 September 2025, 06:12 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now