Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 31 August, 2019 6:40 PM IST

संसार में मंदिर अनेक तरह के हैं एवं अलग-अलग धर्मों में बलि की अलग-अलग महत्वता है. बलि देने के कारण एवं तरीके भी नाना प्रकार के हैं. लेकिन संसार में एक मंदिर ऐसा भी है जहां बलि देने के बाद जान वापस आ जाती है. जी हां, भले ही आप इस बात पर भरोसा ना करें, लेकिन बिहार के भभुआ जिले में कैमूर की पहाडियों पर रोज ऐसा चमत्कार होता है. यहां जो भी घटित होता है, उसके सामने स्वयं विज्ञान भी पराजित होता है. दरअसल हम बात कर रहे हैं माता मुंडेश्वरी के नाम से प्रख्यात एक दिव्य मंदिर की. इस मंदिर को किसने और कब बनवाया इस बात के स्पष्ट प्रमाण तो नहीं है, लेकिन माना जाता है कि इस स्थान का ताल्लुक स्वंय माता काली से है.

रोज होता है यहां चमत्कारः

विज्ञान को भी हैरान कर देने वाली एक घटना यहां रोज होती है. आप इस बात पर आश्चर्य करें या इसे श्रद्धा माने, लेकिन बकरे की बलि चढ़ाने के बाद यहां एक अनोखी घटना घटती है. दरअसल यहां जिंदा बकरे की बलि दी जाती है. बलि देते समय बकरे को किसी तरह का चोट नहीं पहुंचाया जाता है. हां माता के शरणों में आने से पहले भय के कारण पहले तो बकरा तड़पता है, लेकिन शरण में आते ही शांत होकर अचेत हो जाता है. मृतप्राय अवस्था में कुछ देर पड़े रहने के बाद इसके शरीर में पूणः चेतना वापस आ जाती है. लोगों की मान्यता है कि देवी बकरे को पूणः जीवन दान दे देती है. बलि की यह क्रिया संसार में कहीं ओर देखने को नहीं मिलती है.

ये है मंदिर के पीछे की मान्यताः

स्थानीय लोगों की मान्यता है कि जब चंड-मुंड का संहार माता काली कर रही थी तो चंड के विनाश के उपरांत मुंड युद्ध करते समय इसी पहाड़ी में छिप गया, जहां भयंकर युद्ध करते हुए माता के हाथों उसका वध हो गया. इस घटना के बाद से ही इस मंदिर मुंडेश्वरी माता के नाम से प्रख्यात हो गया.

English Summary: mata mundeshwari devi miracle and believe
Published on: 31 August 2019, 06:43 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now