Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 30 January, 2019 3:18 PM IST

हम वर्ष 2019 में प्रवेश कर चुके हैं और हर क्षेत्र में तकनीक और प्रौद्योगिकी के सहारे काफी आगे बढ़ गए हैं. आज शायद ही कोई चिट्टी या पत्र लिखता हो ? या आज कोई वो लंबे और पूरी तरह घूमने वाले टेलीफोन इस्तेमाल करता हो. लेकिन एक ऐसा किस्सा आज भी वैसा ही है जैसा घटित होते समय था. देश और यहां रहने वाले लोगों के लिए गांधी जी की मृत्यु से जुड़े किस्से को जानना आज भी ज्वलंत मुद्दा है. आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के अवसर पर नजर डालते हैं उस दिन क्या हुआ जब उन्हें गोली मारी दी गई.

वो 30 जनवरी 1948 की शाम थी, 5 बजकर 15 मिनट हुए थे. गाँधी जी भागते हुए बिरला हाउस के प्रार्थना स्थल की तरफ़ बढ़े. कुछ मिनट बाद ही नाथूराम गोडसे ने अपनी पिस्टल से तीन गोलियाँ महात्मा गाँधी के शरीर में उतार दीं.

इसके बाद चले मुक़दमे में न्यायाधीश ने नाथूराम गोडसे को फांसी की सजा सुनाई. अजालत में सुनवाई के दौरान गोडसे ने स्वीकारा कि गांधी को उन्होंने ही मारा है. अपने पक्ष में गोडसे ने कहा कि "गांधी जी की देशसेवा का मैं आदर करता हूं. उन्हें गोली मारने से पहले मैं उनके सम्मान में झुका था पर उन्होनें आवाम को धोखा दिया और मातृभूमि का विभाजन कर दिया, जिसका उन्हें कोई अधिकार नहीं था. गाँधी जी ने देश के साथ छल किया था. ऐसी कोई कोर्ट और धारा नहीं थी जिसको आधार मानकर गांधी को अपराधी माना जाता. इसीलिए मैनें उन्हें गोली मार दी."

आज हम अमन और शांति के माहौल में जी रहे हैं. हमारा देश पूरी तरह लोकतांत्रिक और सहिष्णु है. किसी को भी कुछ भी कर गुज़रने की आज़ादी है. हर कोई अपने विचारों, भावों को अपने तरीके से व्यक्त कर रहा है परंतु राजनीति से संबंधित कुछ लोग कुर्सी पाने के लिए तरह-तरह के प्रपंच करते हैं और समाज व लोगों के दिलों में नफ़रत का ज़हर घोल रहे हैं.

कृषि जागरण की पहल है कि आप सब भारत देश पर गर्व करें और महात्मा गांधी के 'अहिंसा परमो धर्म' को मानते हुए अपना जीवन सुखमय बनाएं.

English Summary: Mahatma Gandhi death anniversary
Published on: 30 January 2019, 03:20 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now