PM Kisan: इन किसानों को नहीं मिलेगा पीएम किसान योजना का लाभ, जारी होने वाली है 20वीं किस्त Tarbandi Yojana 2025: खेतों की तारबंदी के लिए किसानों को मिल रही 80% सब्सिडी, जानें शर्तें और आवेदन प्रक्रिया बिजनेस शुरू करने का सुनहरा मौका, जमीन खरीदने पर राज्य सरकार देगी 80% सब्सिडी किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 31 January, 2023 6:14 PM IST
जलवायु और मौसम में अंतर

इन दिनों जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व के लिए बहुत बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है. जिसके चलते भारत सहित पूरे विश्व के मौसम में लगातार बदलाव देखा जा रहा है. अब अमूमन हमारे दिमाग में यह सवाल जरूर आता है कि मौसम और जलवायु में क्या फर्क है. 

दरअसल मौसम और जलवायु दोनों का असर पृथ्वी में मौजूद हर एक प्राणी पर पड़ता है, फिर चाहे वो मनुष्य हो, जीव, जानवर हो या फिर पेड़-पौधें ही क्यों ना हों. तो चलिए इस लेख में जानते हैं कि आखिर मौसम और जलवायु कैसे एक दूसरे से अलग होकर भी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.

मौसम क्या है?

बारिश, हवा, नमी, वायुमंडलीय दबाव, तापमान आदि कारक मौसम के उदाहरण है. जब कभी भी इसमें से किसी एक कारक में बदलाव होता है, तो इसका असर हमारे वातावरण में देखने को मिलता है. मौसम कभी स्थिर नहीं होता है, इसे हम ऐसे समझ सकते हैं कि कभी तेज धूप खिली रहती है, तो कभी अगले ही पल बादल छा जाते हैं, या कभी हवा तेज तो कभी कम होने लगती है.

जलवायु क्या है?

जलवायु मौसम का ही एक हिस्सा है. मगर फर्क इतना है कि मौसम हर पल बदलता है, तो वहीं जलवायु लंबी अवधि तक एक समान पैटर्न गणना करता है. जिसके चलते एक क्षेत्र की मौसम की गतिविधियों में लगातार बदलाव देखा जाता है. उदाहरण के लिए  फैक्ट्री, गाड़ी और कारखानों से निकलने वाली जहरीली गैस वातावरण को दूषित करती है, जिससे पर्यावरण दूषित होता और इसका असर जलवायु परिवर्तन के तौर पर हमें देखने को मिलता है.

जलवायु परिवर्तन से ग्लोबल वार्मिंग की चिंता

भारत एक उष्णकटिबंधिय वाला देश है. यहां पर आपको प्रत्येक राज्य व क्षेत्र में विभिन्न जलवायु देखने को मिलेगी. उत्तर भारत में सर्द और गर्मी दोनों का अहसास होता है. मगर बीते कुछ सालों से विकास की दौड़ ने कहीं ना कहीं पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाया है. प्राकृतिक संस्धानों का हमने अंधाधुंध उपयोग किया है. सड़क निर्माण के लिए लाखों पेड़ काटे गए, हजारों नई फैक्ट्रियों और कारखानों का निर्माण हुआ, जिसका असर मौसम पर पड़ने लगा.

यह भी पढ़ें: जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव एवं उसको कम करने के उपाय

मौसम में बदलाव के चलते जलवायु प्रभावित हुई. अब जलवायु परिवर्तन के चलते ग्लेशियर पिघल रहे हैं, पहाड़ खिसक रहे हैं, और सर्दियों में हाड़ कंपाने वाले ठंड पड़ रही है तो वहीं गर्मियों में भीषण गर्मी का सितम जारी है. नतीजन अब यह ग्लोबल वार्मिंग में तब्दील हो गई है, इसे रोकने के लिए हम सबको एक साथ आकर इससे निपटने की जरूरत है. क्योंकि किसी एक के कुछ करने से फर्क नहीं पड़ता है, मगर एक-एक के करने से बहुत फर्क पड़ता है.

English Summary: know the difference between climate and weather
Published on: 31 January 2023, 06:21 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now