75 एचपी रेंज में सबसे ताकतवर ट्रैक्टर, जो है किसानों की पहली पसंद हल्दी की खेती ने बदली इस किसान की किस्मत, आज है लाखों में कारोबार PMFBY: फसल खराब पर देश के कई किसानों को मिलता है मुआवजा, इस नंबर पर करें शिकायत खेती के लिए 32 एचपी में सबसे पावरफुल ट्रैक्टर, जानिए फीचर्स और कीमत एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 27 October, 2022 11:12 AM IST
Know all about chhath puja 2022

इस साल लोक आस्था के पर्व छठ की शुरूआत 28 अक्टूबर को हो रही है और 31 तारीख़ को इस पर्व का समापन होगा. छठ महापर्व कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. सबसे ख़ास माने जाने वाले इस व्रत में 36 घंटे तक निर्जला रहना होता है. यह व्रत संतान के लिए रखा जाता है. छठ पूजा के दिन षष्ठी मैया व सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है. 

ये है छठ पूजा का क्रम-

नहाय-खाय ( पहला दिन):

पहले दिन यानि नहाय-खाय से छठ पूजा की शुरूआत होती है. नहाय खाय के दिन व्रत रखने से पहले बस एक ही बार खाना होता है. उसके बाद नदी में स्नान करना होता हैं. इस बार नहाय-खाय 28 अक्टूबर को है.

खरना (दूसरा दिन):

छठ महापर्व के दूसरे दिन को खरना नाम से जाना जाता है. खरना के दिन सूरज निकलने (Sunrise) से लेकर सूरज डूबने (Sunset) तक महिलाएं व्रत रखती हैं. सूर्यास्त के तुरंत बाद व्रत तोड़ा जाता है फिर पकवान बनाया जाता है. भोजन तैयार होने के बाद सूर्य को भोग लगाया जाता है. छठ पर्व का तीसरा दिन दूसरे दिन के प्रसाद के बाद ही शुरू हो जाता है. खरना यानि दूसरा दिन 29 अक्टूबर को है.

ये भी पढ़ें- छठ पूजा में प्रकृति का क्या है महत्व?

अर्घ्य (तीसरा दिन):

तीसरे दिन यानि अर्घ्य के दिन को छठ पूजा में सबसे अहम माना जाता है. इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बांस के सूप को चावल के लड्डू, फल, ठेकुआ वग़ैरह से सजाया जाता है. व्रती सपरिवार सूर्व भगवान को अर्घ्य देता है. इस दिन डूबते हुए सूरज की अराधना होती है.  सूर्यदेव को अर्घ्य देने की परम्परा सदियों से चली आ रही है. पहला अर्घ्य इस बार 30 अक्टूबर को है .

उषा अर्घ्य (चौथा दिन):

36 घंटे व्रत के बाद यह अर्घ्य उगते हुए सूरज को दिया जाता है. उषा अर्घ्य 31 अक्टूबर को छठ के अंतिम दिन होता है. ये छठ का आख़िरी दिन है. इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 31 मिनट होगा.

इन राज्यों के साथ नेपाल में भी छठ की रहती है धूम-

छठ का महापर्व बिहार, पूर्वी उत्तर-प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड के साथ नेपाल (Nepal) राष्ट्र में भी धूमधाम से मनाया जाता है. नेपाल के तराई क्षेत्रों में हर्षोल्लास के साथ श्रद्धालु यह त्योहार मनाते हैं. नेपाल के क़रीब 12 जनपदों में सूर्य उपासना का यह पर्व प्रमुखता के साथ मनाया जाता है.  नेपाल में छठ मनाने का तरीक़ा भारतीय परम्पराओं के ही जैसा है.

छठ के दिन करें ये काम-

  • संतान की प्राप्ति के इच्छुक लोगों को इस दिन 108 बार “ऊँ, ह्रां, ह्रीं, ह्रौं, स: सूर्याय नम:” मंत्र का जाप करना चाहिए.
  • संतान की ख़ुशी और समृद्धि के लिए सूरज को अर्घ्य देना चाहिए साथ ही गुड़ और गेहूं के आटे से बने व्यंजन पशु-पक्षियों को खिलाना चाहिए.
  • नौकरी या घर में पैसे की तंगी से परेशान लोगों को “ऊँ घृणि: सूर्याय नम:” मंत्र का जाप करना चाहिए.
English Summary: know all about chhath puja 2022
Published on: 27 October 2022, 11:17 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now