देशभर में मौसम ने ली करवट! यूपी-बिहार में अब भी बारिश का अलर्ट, 18 सितंबर तक झमाझम का अनुमान, पढ़ें पूरा अपडेट सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 2 January, 2019 12:38 PM IST

कला के कईं रंग हैं, उन्हीं में से एक रंग है - 'अभिनय' ! आज बात करेंगे अभिनय की दुनिया के एक ऐसे सितारे के बारे में, जिसने कहा कि- अभिनय उसे सिखाया जाता है, जिसके भीतर अभिनय नहीं होता. कल यानी 1 जनवरी 2019 को भारतीय सिनेमा और सिनेमा को पसंद करने वाले करोड़ों लोगों के लिए दुख की खबर आयी. भारतीय सिनेमा के बेहतरीन अभिनेता, लेखक, हास्य कलाकार और निर्देशक कादर खान का कनाडा में निधन हो गया. मीडिया द्वारा इस खबर की पुष्टि करने के बाद सिनेमा को चाहने वाला हर इंसान सक्ते में है. चाहे वो सिनेमा को देखने वाला आम दर्शक हो या सिनेमा जगत की बड़ी हस्तियां, सबने अपने-अपने तरीके से कादर खान को याद किया और यही कहा कि - अभिनेता तो बहुत हुए और आगे भी होंगे लेकिन 'कम्प्लीट अभिनेता' सिर्फ कादर साहब थे और हम उन्हें ताउम्र याद करेंगे.

मुफ़लिसी में बीता बचपन

कादर खान का जन्म अफगानिस्तान में हुआ था लेकिन वहां तनाव के चलते उनके वालिद को भारत आना पड़ा और फिर वो यहीं के हो गए. कादर खान ने अपने एक इंटरव्यू में अपने बचपन और बचपन से जुड़ी यादों को साझा किया था. कादर खान का बचपन बहुत मुफलिसी में बीता और कादर खान ने कहा कि उनके अभिनय के पीछे यही मुफलिसी और गरीबी थी. कादर खान अपनी जिंदगी में सबसे अहम अपनी माँ को मानते हैं. उनकी माँ से उन्हें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रही. एक बार कादर खान के दोस्तों ने उनसे कहा कि तू स्कूल क्यों जा रहा है, स्कूल जाने से तेरे घर की गरीबी नहीं मिटेगी, हमारे साथ कारखाने में चल, कुछ रुपये मिल जाएंगे. कादर खान भी बस्ता किनारे रख कर दोस्तों के साथ जाने लगे, तभी उनकी मां ने उन्हें थामा और कहा कि 5-10 रुपये से हमारे घर की गरीबी नहीं मिटेगी. अगर तू सचमुच अपनी माँ की हालत सुधारना चाहता है तो बेटा- तू स्कूल जा और पढ़ाई कर. कादर खान बताते हैं कि माँ के इतने कहने से न जाने मुझे क्या हुआ, मैंने स्कूल का बस्ता उठाया और मैं स्कूल चला गया और उस दिन के बाद मैनें पीछे मुड़कर नहीं देखा.

200 से अधिक फिल्में

कादर खान ने अपने जीवन में 200 से अधिक फिल्मों में काम किया. कादर खान ने अभिनय के अलावा लेखन और निर्देशन भी किया. कादर खान ने न सिर्फ खुद अभिनय किया बल्कि अभिनय सिखाया और भारतीय सिनेमा को कईं बड़े अभिनेता दिए. कादर खान ने अपने फिल्मी करियर में कईं बेहतरीन फिल्में कीं, जो आज भी याद की जाती हैं जैसे - सुहाग, याराना, घर ससुराल, बीवी हो तो ऐसी, घर हो तो ऐसा, हिम्मतवाला, हम हैं कमाल के, जैसी करनी वैसी भरनी. लेकिन एक दौर ऐसा भी आया जब कादर खान और गोविंदा की जोड़ी ने धमाल मचा दिया और फिल्मों की ये जोड़ी फिल्म हिट करने का सूत्र बन गयी. हीरो नंबर-1, आंटी नंबर-1, कुली नंबर-1, हसीना मान जाएगी, छोटे सरकार, राजाजी, दुल्हे राजा और न जाने कादर खान के निभाए कितने ही ऐसे किरदार जो हिंदी सिनेमा में अमर हो गए.

हिंदी सिनेमा के 'कादर भाई'

हिंदी सिनेमा या बॉलिवुड में काम करते-करते हर किसी को एक ऐसा नाम ज़रुर मिलता है जो उसकी पहचान बनता है. इसी तरह कादर खान हिंदी सिनेमा के 'कादर भाई' कहलाए. इस नाम के पीछे दो वजहें थी- एक तो यह कि उनकी चोट का दूसरा अभिनेता मौजूद नहीं था और दूसरा यह कि हर किसी ने उनसे अभिनय के गुन सिखे थे. कादर खान हरफ़नमौला और बेबाक इंसान थे. उन्होंने अपने बचपन में जिस गरीबी, बेबसी और तिरस्कार को देखा था वह चाहते थे कि वैसा और किसी के साथ न हो, इसलिए वह हमेशा ऐसे लोगों की मदद करते रहे जिनको सहारे की तलाश रहती थी. कादर खान का कहना था कि एक अच्छा अभिनेता बनने के लिए एक बेहतर इंसान होना बहुत ज़रुरी है.

कृषि जागरण की ओर से कादर खान साहब को भावपूर्ण श्रद्धांजलि .

English Summary: kader khan dies at 81
Published on: 02 January 2019, 12:40 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now