Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 20 March, 2020 5:37 PM IST
Sparrow Day

गौरैया का नाम तो आपने सुना ही होगा. कुछ लोग तो ऐसे भी होंगे, जिन्होंने केवल नाम ही सुना होगा. जी हां, आपने सही सुना, क्योंकि अब जगह-जगह अपनी मीठी आवाज़ से लोगों का दिल जीतने वाली यह नन्हीं चंचल चिड़िया विलुप्त होती जा रही है. वहीं कुछ लोग इन्हें बचाने के लिए मुहिम भी चला रहे हैं. ऐसे ही कुछ लोगों और संस्थाओं की वजह से आज आपको शायद कहीं यह गौरैया देखने को मिल जाए. इन्हीं को बचाने के लिए 20 मार्च गैरैया संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है. आइए आपको इनसे जुड़ी कुछ अनोखी और दिलचस्प बातें बताते हैं-

गौरैया पर्यावरण संरक्षण और हम मनुष्यों की सच्ची साथी है जिसकी अलग ही भूमिका है. प्रसिद्ध पर्यावरणविद मो. ई दिलावर की कोशिश और पहल की वजह से ही इस दिन को दुनियाभर में मनाया जाने लगा.
Sparrow

इसका जीवनकाल लगभग दो साल का होता है और यह पक्षी ज्यादा तापमान में नहीं रह सकते.

Sparrow Day

यह होम स्पैरो (home sparrow) के नाम से जानी जाती है और लगभग छह अंडे देती है.

House Sparrow

आपको बता दें कि आंध्र यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के मुताबिक गौरैया की आबादी में लगभग 60 फीसदी से अधिक की कमी पाई गई है.

Bird

ब्रिटेन की ‘रॉयल सोसाइटी ऑफ़ प्रोटेक्शन ऑफ़ बर्ड्स‘ ने इस चुलबुली और चंचल पक्षी को ‘रेड लिस्ट‘ में शामिल कर दिया है.

Flying Bird

ये शहरी इलाकों से ज़्यादा यह गांव-देहात में पाई जाती हैं. ग्रामीण इलाकों में भी पेड़ काटे जा रहे हैं. इसके चलते अब वहां भी ये कम ही देखने को मिलती हैं.

गांव में कच्चे, यानी मिटटी के मकान गौरैया के लिए प्राकृतिक वातावरण हुआ करते थे. वहीं पेड़ों को काटकर बनी बड़ी-बड़ी इमारतों और मकानों ने इस चिड़िया के घर छीन लिए हैं.

गौरैया का मनपसंद भोजन घास के बीज हैं. इस समय गौरैया के लिए सबसे बड़ा खतरा कीटनाशक हैं. रसायन के उपयोग से फसलों और खेतों के कीट नष्ट हो जाते हैं, और इसी के चलते इनका भोजन भी इन्हें नहीं मिल पाता है. ऐसे में इनके लिए भोजन का भी संकट खड़ा हो गया है.

English Summary: interesting and unknown facts about home sparrow on this worlds sparrow day
Published on: 20 March 2020, 05:45 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now