2019 का चुनाव बोले तो एकदम छक्कास ! शराब, नकदी कैश और फिर नेता की ऐश. वइसे रोज़ अखबारों में नेता के बोलबच्चन और फोटो के अलावा एक और खबर है जिसने बबामबोम मचाई है. अद्दा, पव्वा, चकना और टेबल, यइच है अपनी जनता का लेबल. अपुन के घर में सिनेमा की चिल्लमचिल्ली रहती है और वो गाना- जूते देदो और पइसे लेलो फैमस है. बिल्कुल वइसे आजकल दारु देदो और वोट लेलो चल रिया है. वो अपने बाजू वाला राजू छपरी, वो कल मिला मेरेको, मइने पूछा - क्या रे हलकट ! वोट दिया क्या ? वो साला बत्तीसी फाड़ के हंसने लगा. मां कसम भेजे में आया कि साले का नल्ला पाया निकाल दूं. फिर अपुन को फील हुआ, ये साला तो वइसे मरेला है इसको क्या मारना.
मैं बोला - क्या रे येड़े, हंसा क्यों ? बोला मइने 3 पाटी से दारु की 3 पेटियां सटकाली. मैं पूछा वोट किसको दिया ? तो बोला - घंटा. पइली बार अपुन को उसपर गुस्सा नहीं आया. ये साले चिरकुट लोग जो पब्लिक को येड़ा बनाकर मलाई चाटते हैं, इनका तो वो होना चाहिए........वो क्या कहते हैं वो...भारी वर्ड रे..क्या इसकी मां का....हां.....बहिष्कार !
इलेक्सन हो तो एकदम - रापचिक, वोटिंग और रिजल्ट हो तो एकदम ताबड़तोड़. तब आएंगे एकदम कउले नेता. होगा विकास और जिंदगी चलेगी मक्खन की माफिक. ये दारु-वारु चटवाकर, चिकन, नल्ला- पाया सुप और पइसे से येड़े लोग इलेक्सन जीत जाते हैं और फिर पांच साल पब्लिक का मामू बनाते हैं.
अपुन के चॉल में सांता ताई है. वो कल अपुन को बोली - तू वइसे तो बोत शाणा बनता है, ये दारु के चक्कर के बारे में कुछ कर ! मेरा मरद हाथ से निकल गया है. मुफ्त की बाटली के लिए बेवड़ा हो गया है. तेरेको मालूम मेरा बड़ा छावर मंगेस - कल रात इसको नाले के उठा के लाया. अगर कल को मेरा मरद टपक गया तो मैं कहां जाएगी ? मैं बोला - क्या ताई...अइसा क्या बोलती तू.. तू कायको नी रोकती अंकल को ? तायी बोलो बेटा - मेरा मरद खरीद के पीए, इतनी औकात नहीं पन जब मुफ्त में मिले वो बी पेटी का पेटी तो अपन क्या करे. अपुन जोगेश्वरी की चॉल 3/7 नम्बर खोली में बइठेला है, एक वकत वड़ा-पॉव खाता है पन अपन जानता है कि आज इंडिया का पोलिटिक्स लेबल क्या है ?
वइच जो 70 में था वइच जो 80 में था अणी वइच 90 वाला...