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Updated on: 20 May, 2020 6:04 PM IST

औद्योगिकी क्रांति के इस दौर में हम एक बड़े परिवर्तन से गुजर रहे है कोई भी परिवर्तन तभी सार्थक और दीर्घस्थाई हो सकता है जब समाज के सभी तबकों तक उसका लाभ पहुंचे और अगर विकास की बात करे तो उसकी सार्थकता इसी बात में निहित है की हर नागरिक को किसी न किसी रूप में सशक्त बनाया जाए. संयोगवश भारत में सूचना और संचार की मौजूदा क्रांति को सुनियोजित दिशा देने की कोशिश की गए है जो डिजिटल इंडिया के रूप में फलीभूत होती दिखाई दे रही है.

बहुमाध्यम का प्रयोग कर सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से जहां एक तरफ देश की सामाजिक संरचना में आमूल-चूल बदलाव आ रहा है, वहीं दूसरी ओर नित नवीन जानकारियाँ प्राप्त होने से देश की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा जागरूक हो रहा है. फलस्वरूपप, देश के बेरोजगार अब स्वरोजगार की तरफ अग्रसर हो रहे हैं तथा ग्रामीण क्षेत्र में शहरों में पलायन की दर में कमी देखी जा रही है. आज सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी एवं जनमाध्यम की बदौलत सूचना विश्व एक वैश्विक ग्राम (ग्लोबल विलेज) बन गया है. बहुमाध्यमों ने लोगों तक पहुँच को इतना आसान बना दिया है कि विश्वस्तर पर प्रौद्योगिकी विकास तीव्र हो गया है.

तकनीक के सन्दर्भ में एक दशक पहले भारत के गांवों की जो स्थिति थी वो अब वैसी नहीं है और आज हम गॉवो की परिकल्पना तकनीक से समृद्ध और विकासमान ईकाई के रूप में करते है इसके पीछे रोजगार के नए अवसरों के पैदा होने आधारभूत विकास बाजार का विकास शिक्षा का प्रसार के साथ साथ तकनिकी प्रसार को भी जिम्मेदार माना है. इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण महत्वपूर्ण है और इस क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है. सूचना प्रौद्योगिकी न केवल प्रौद्योगिकी के तेजी से विस्तार के लिए आवश्यक है बल्कि इसके उपयोग से विभिन्न कृषि कार्यों को जल्दी से और आसान तरीके से किया जा सकता है. विश्व बैंक और अन्य शोध संस्थानों के अनुसंधानों ने यह सिद्ध कर दिया कि ऑनलाइन शिक्षा, रेडियो, उपग्रह और दूरदर्शन जैसे आधुनिक संचार माध्यमों द्वारा कृषि प्रौद्योगिकी का विस्तार करके किसानों की जागरूकता, दक्षता था उत्पादकता में कई गुणा वृद्धि की जा सकती है. आज सूचना प्रौद्योगिकी ने कृषि के हर काम को आसान बना दिया है. 

आईसीटी के उपयोग से किसानों को

(1) समय पर और प्रासंगिक जानकारी प्रदान करना

(2) क्रेडिट तक पहुंच और

(3) उच्च दामों से वैश्विक बाजार में बेचना, आदि से कृषि उत्पादकता में सुधार करने में सक्षम है.

अनुसंधान अध्ययनों से पता चलता है कि ट्रेसेबिलिटी डेटा न केवल खाद्य से जुड़े नुकसान को प्रबंधित करने में मदद करता है, बल्कि समग्र व्यापार प्रदर्शन को भी बढ़ावा देता है. विकासशील देशों में कृषि के लिए आईसीटी का उपयोग, दक्षता स्तर बढ़ा सकता हैं और खेती के पर्यावरणीय प्रभाव को कम कर सकता हैं.कृषि विस्तार (कृषि सलाहकार सेवाओं के रूप में भी जाना जाता है) भी कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने, खाद्य सुरक्षा में वृद्धि, ग्रामीण आजीविका में सुधार और कृषि को आर्थिक विकास में बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 

विस्तार सेवाओं में आम तौर पर लागू प्रौद्योगिकियां

रेडियो और टेलीविजन - कई ग्रामीण किसानों की संचार तकनीकों तक सीमित पहुंच है, जबकि 70 प्रतिशत ग्रामीण घरों में रेडियो की पहुंच है इसका एक कारण यह भी है की छोटे पैमाने पर किसान अक्सर दूर दर्ज के ग्रामीण इलाकों में स्थित होते है ऐसे इलाको में रेडियो अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचने का एक महत्वपूर्ण साधन है. कृषि विस्तार में रेडियो और टेलीविजन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो आज सतत जारी  है इन मुख्य सेवाओं के संपर्क से किसानों को कई लाभ भी मिल रहे है. कृषि और खेती से जुड़े रेडियो चैनल के विभिन्न प्रसारणों ने भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है किसान रेडियो प्रशनोत्तरी और में भाग लेके और अन्य सहभागिता रेडियो कार्यक्रमों के माध्यम से कृषि उत्पादन से जुड़े नए पहलुओं की आवश्यक जानकारी भी प्राप्त कर सकता है.

मोबाइल - दुनिया के मोबाइल फोन उपभोक्ताओं में से लगभग 70 प्रतिशत विकासशील दुनिया में हैं. यह संचार के एक किफायती और सुलभ माध्यम हैं ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक नेटवर्क को मजबूत करने के साथ यह कृषि से सम्बंधित जानकारी लेने का माध्यम भी बन रहा है. मोबाइल टेलीफोन अब सिर्फ एक ऑडियो सूचनाएं देने तक सिमित नहीं रह गया ह अपितु इससे विडिओ मैसेज भी प्राप्त होते है. मोबाइल टेलीफोन कुछ अद्वितीय अवसर प्रदान करता है, जिनमें निम्न शामिल हैं:-

ग्रामीण समुदायों को प्रत्यक्ष वैश्विक संचार चैनल प्रदान करना.

ग्रामीण रेडियो जैसे स्थापित ग्रामीण मीडिया के प्रभाव को विस्तारित करना.

स्थानीय सामग्री उपलब्ध करा रही है.

ग्रामीण सेवाओं को और अधिक कुशल बनाना.

समन्वय

इंटरएक्टिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग - सम्बंधित वैज्ञानिक से सूचना लेने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा का उपयोग किया जाता है किसान कृषि से सम्बंधित परेशानियों को विस्तार से समझाकर इसका उपाय प्राप्त कर सकता है इंटरएक्टिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा की सुविधा गांव के कृषि विज्ञानं केंद्र पर उपलब्ध है.

मोबाइल इंटरनेट - स्मार्ट फोन सेवा के माध्यम से जानकारी प्राप्त एवं दी जाती है जैसे कृषि व्यवसाय मूल्य जानकारी, ई-समाचार आदि .

वेब पोर्टल - वेब पोर्टल प्रासंगिक वेबसाइटों का संग्रह होस्ट करने वाला मंच है. यह एक महत्वपूर्ण और तेज सूचना प्रसार चैनल है. प्रत्येक क्षेत्र में बड़ी संख्या में वेबसाइटें विकसित की जाती हैं. वेब पोर्टल बड़ी संख्या में लिंक की गई साइटों के साथ बनाया गया है. सभी वेबसाइटें एकीकृत शैलियों, मानकों और विनियमों का पालन करती हैं. वेब पोर्टलों की स्थापना सूचना संसाधनों के साझाकरण और उपयोग को बढ़ावा देती है, समग्र निवेश और रखरखाव लागत को कम करती है, और सेवा कवरेज और साइट विजिट में वृद्धि करती है.

कृषि विस्तार सेवाओं को विशिष्ट विस्तार की भूमिकाओं के रूप में परिभाषित किया गया है जैसे.

  • कृषको और कृषि समुदायों में प्रौद्योगिकियों से जुड़े पहलुओ में सुधार

  • हाई टेक उत्पादन प्रणाली का उपयोग जो ग्रामीण आजीविका में सुधार कर सकें और संसाधन आधार को बनाए रख सकें

  • ग्रामीण समुदायों की कृषि और सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति में सुधार करें

  • किसानों के लिए उत्पादकता और आजीविका में सुधार

  • एक स्थायी आधार पर किसानों की आय में वृद्धि

  • किसानों के उत्पादन में वृद्धि

  • कृषि उद्यम में दक्षता के उच्च स्तर प्राप्त करने में टेक्नोलॉजी और संचार का उपयोग

  • खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण आजीविका में सुधार करें.

लेखक : डॉ निधि

विषय वस्तु विशेषज्ञ, — कृषि षि विज्ञान केन्द्र, अठियासन, नागौर

English Summary: Importance of Information and Communication Technology in Agriculture
Published on: 20 May 2020, 06:14 PM IST

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