लोकप्रिय घरेलू पेय ब्रांड रसना के फाउंडर व चेयरमैन अरीज पिरोजशॉ खंबाटा का 19 नवंबर को निधन हो गया. खंबाटा ने 85 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. इस बात की जानकारी रसना ग्रुप ने सोमवार को दी.
इस खबर के बाद से ही हर घर में मशहूर रसना के ब्रांड बनने की कहानी में लोगों की दिलचस्पी खुब बढ़ गई है. ऐसे में कृषि जागरण भी आपके लिए रसना के दिलचस्प इतिहास को लेकर आया है.
रसना का हर घर में प्रसिद्ध होने का सफर
'रसना' आज दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्ट ड्रिंक कंसंट्रेट (Soft Drink Concentrate) निर्माता बन गई है. ये दुनिया के 60 देशों में मिलता है. लेकिन आप ये जानकर हैरान हो जायेंगे कि मात्र 5 रुपये में 32 गिलास बनने वाले 'रसना' ड्रिंक पहले मार्केट में 'जाफे' के नाम से लॉन्च किया गया था.
सबसे पहले रसना 'जाफ' के नाम से गुजरात के कुछ ही इलाकों में बेचा जाता था. दरअसल, साल 1976 में अहमदाबाद के खंबाटा परिवार ने रेडी-टू-सर्व कंसंट्रेट सॉफ्ट ड्रिंक्स बनाई और इसे ऑरेंज की एक वैरायटी के नाम, ‘जाफे’ के साथ लॉन्च कर दिया. लेकिन मार्केट में लोगों ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दी, जिसके बाद साल 1978 में अरीज पिरोजशॉ खंबाटा ने इस ड्रिंक का नाम 'रसना' रख दिया, जिसका अर्थ 'ज्यूस' होता है.
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इसके बाद रसना के फाउंडर व चेयरमैन अरीज पिरोजशॉ ने इसका जबरदस्त विज्ञापन तैयार करवाया. रसना की सफलता में इसी ब्रांड प्रमोशन ने अहम भूमिका निभाई है. शुरुआत में इसका जबरदस्त प्रचार किया गया. जिसके बाद 'रसना' घर-घर की पहचान बन गया. सस्ता और स्वाद में बेहतरीन होने की वजह से भारतीय मांओं ने इसे हाथों-हाथ लिया.
1980 की दशक में रसना के कॉमर्शियल की एक पंच लाइन आज भी लोगों के जहन में है. ‘आई लव यू रसना’ ये पंच लाइन इतना मशहूर हुआ की 80 के दशक में रसना घर-घर में परोसा जाने वाला फेमस सॉफ्ट ड्रिंक बन गया. उस वक्त लोग रसना पीते हुए कहा करते थे ‘आई लव यू रसना’.