शहर की जिंदगी से ज्यादा सुकून गांव की जिंदगी में होता है. क्योंकि वहां की ताज़ा हवा और पशु पक्षियों की आवाज़ दिल को एक अलग ही सुकून देती है. गांव में लोगों का रहन सहन और उनका खान-पीन देखकर मन को अलग ही शांति मिलती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा भी गांव है, जहां पशु पक्षियों तो छोड़ों दूर-दूर तक इंसान तक नज़र नहीं आते हैं.
अब आप सोच रहे होंगे कि ये कहानी है. लेकिन ऐसान नहीं है यह एक दम सच है, जिस गांव की हम बता कर रहे हैं, इंसान जानवर नहीं रहते हैं. आइए इसके बारे में जानते हां.
पुतले से भरा पूरा गांव
दुनिया का ये अनोखा गांव हन्टेड गांव में से एक माना जाता है, जो पूरी तरह से पुतलों से भरा हुआ है. बताया जाता है यह जगह ‘शापित गांव’ के रूप में भी जानी जाती है. ये दुनिया का अजीब और गरीब गांव जापान के शिकोकू टापू पर स्थित है, जिसका नाम नागोरो है. इस जगह को पुतलों के गांव के नाम से भी जाना जाता है. नागोरो की स्थानीय भाषा में पुतलों को बिजुका कहा जाता है. इस बात को जानकर आपको हैरानी होगी इस गांव में लोगों की संख्या 30 है, तो वहीं पुतलों की संख्या 300 है.
इतने पुतले बनाने के पीछे क्या है राज
इन पुतलों को बनाना इसके पीछे एक महिला है जिसका नाम ‘त्सुकिमी अयानो’ और जिन्हें ‘स्केयरक्रो मदर’ के नाम से जाना जाता है. गांव में 30 लोगों को अकेलापन न महसूस हो इसलिए इस महिला ने ये रास्ता निकला आपको जानकर हैरानी हो सकती है. इस महिला की उम्र 70 साल से ज्यादा है. इस बुजुर्ग महिला ने गांव के सूनेपन को मिटाने के लिए इस तरकीब को खोजा.
गांव में हर साल आयोजित होता है बिजूका फेस्टीवल
गांव में हर साल पतझड़ के महीने में बिजूका फेस्टीवल का आयोजन किया जाता है, जिसमें फोटो प्रतियोगिता होती है और जो विजेता होता है उसको अपना बिजूका मिलता है और हर साल गांव में लोग पुतलों के इस डरावने फेस्टिवल को देखने आते हैं. यहां घूमने आये लोगों को पुतले भी बनाने सिखाये जाते हैं.
लेखक: रवीना सिंह