किसानों के लिए खुशखबरी! 8 कृषि यंत्रों पर मिलेगा भारी अनुदान, आवेदन की अंतिम तिथि 8 अप्रैल तक बढ़ी Mukhyamantri Pashudhan Yojana: गाय, भैंस और बकरी पालन पर 90% अनुदान दे रही है राज्य सरकार, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया सौर ऊर्जा से होगी खेतों की सिंचाई! PM Kusum Yojana में किसानों को मिलेगी 2.66 लाख तक की सब्सिडी, जानें आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 21 March, 2025 2:27 PM IST
दुनिया का रहस्यमयी भूतिया गांव: जहां कदम रखते ही महसूस होगी दूसरी दुनिया!

शहर की जिंदगी से ज्यादा सुकून गांव की जिंदगी में होता है. क्योंकि वहां की ताज़ा हवा और पशु पक्षियों की आवाज़ दिल को एक अलग ही सुकून देती है. गांव में लोगों का रहन सहन और उनका खान-पीन देखकर मन को अलग ही शांति मिलती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा भी गांव है, जहां पशु पक्षियों तो छोड़ों दूर-दूर तक इंसान तक नज़र नहीं आते हैं.

अब आप सोच रहे होंगे कि ये कहानी है. लेकिन ऐसान नहीं है यह एक दम सच है, जिस गांव की हम बता कर रहे हैं, इंसान जानवर नहीं रहते हैं. आइए इसके बारे में जानते हां.

पुतले से भरा पूरा गांव

दुनिया का ये अनोखा गांव हन्टेड गांव में से एक माना जाता है, जो पूरी तरह से पुतलों से भरा हुआ है. बताया जाता है यह जगह ‘शापित गांव’ के रूप में भी जानी जाती है. ये दुनिया का अजीब और गरीब गांव जापान के शिकोकू टापू पर स्थित है, जिसका नाम नागोरो है. इस जगह को पुतलों के गांव के नाम से भी जाना जाता है. नागोरो की स्थानीय भाषा में पुतलों को बिजुका कहा जाता है. इस बात को जानकर आपको हैरानी होगी इस गांव में लोगों की संख्या 30 है, तो वहीं पुतलों की संख्या 300 है.

इतने पुतले बनाने के पीछे क्या है राज

इन पुतलों को बनाना इसके पीछे एक महिला है जिसका नाम ‘त्सुकिमी अयानो’ और जिन्हें ‘स्केयरक्रो मदर’ के नाम से जाना जाता है. गांव में 30 लोगों को अकेलापन न महसूस हो इसलिए इस महिला ने ये रास्ता निकला आपको जानकर हैरानी हो सकती है. इस महिला की उम्र 70 साल से ज्यादा है. इस बुजुर्ग महिला ने गांव के सूनेपन को मिटाने के लिए इस तरकीब को खोजा.

गांव में हर साल आयोजित होता है बिजूका फेस्टीवल

गांव में हर साल पतझड़ के महीने में बिजूका फेस्टीवल का आयोजन किया जाता है, जिसमें फोटो प्रतियोगिता होती है और जो विजेता होता है उसको अपना बिजूका मिलता है और हर साल गांव में लोग पुतलों के इस डरावने फेस्टिवल को देखने आते हैं. यहां घूमने आये लोगों को पुतले भी बनाने सिखाये जाते हैं.

लेखक: रवीना सिंह

English Summary: Haunted or unique Nagoro is called the village of dolls unique places in world to visit
Published on: 21 March 2025, 02:30 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now