सावन का महिना बहुत ही सुहावना होता है. यह त्यौहारों का महिना भी माना जाता है. इस महीने में भगवान् शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. इसमे एक विशेष तिथि को सुहागिनें मां पार्वती की पूजा करती हैं. और पाती हैं सदा सुहागिन रहने का आशीर्वाद. वो कौन सी तिथि है और उस तिथि की क्या मान्यता है? जानने के लिए पढ़िए इस पूरे लेख को.
क्या है हरियाली तीज –What is HariyaliTeej?
हरियाली तीज का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु एवं उनके सुखमय जीवन की कामना के लिए रखती है. यह एक ऐसा व्रत है जिसे महिलाएं निर्जला रखती है. माना जाता है कि जो भी महिला इस व्रत को श्रद्धा से रखती है उनको माता पार्वती और भगवान शिव का पूर्ण आशीर्वाद मिलता है. हिन्दू धर्म के अनुसार सावन के महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखते हैं.
हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त–HariyaliTeej auspicious time
हरियाली तीज हिन्दू धर्म का एक पावन त्यौहार है. इस साल हरियाली तीज 11 अगस्त दिन बुधवार को मनाई जाएगी. हिन्दू पंचांग के अनुसार, उदय तिथि में होने वाले त्यौहारों को मनाया जाता है. इसलिए इस बार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अगस्त 2021 दिन मंगलवार को शाम 6 बजकर 11 मिनट से शुरू होगी एवं 11 अगस्त 2021 दिन बुधवार को शाम 4 बजकर 56 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उगाया तिथि के अनुसार तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त 11 अगस्त दिन बुधवार को शाम 04 बजकर 53 मिनट पर होगा.
क्या विशेषता है हरियाली तीज की–What is the specialty of HariyaliTeej?
यह महिलाओं के सजने- संवरने और खुशियां मनाने का त्यौहार है. हरियाली तीज के दिन महिलाएं अपनी पति की लम्बी आयु और उनके सुख और समृद्धि के लिए ये व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं माता पार्वती को हरे रंग की वस्तुएं अर्पित करती है, क्योंकि माता पार्वती को प्रकृति का स्वरुप माना जाता है. इस दिन महिलाएं माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करती है. पूजा के समय महिलाएं हरियाली तीज व्रत की कथा सुनती है.
हरियाली तीज पूजा विधि–HariyaliTeej Puja Method –
इस दिन सभी सुहागन स्त्रियां स्नान आदि से निवृत होकर मायके से आए हुए कपड़े पहनें . इसके बाद पूजा के शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करें. फिर मां पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री, साड़ी, अक्षत, धूप, दीप, गंधक आदि अर्पित करें. अब शिवजी को भांग, धतूरा, अक्षत, बेलपत्र, श्वेत फूल, गंधक, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं. इसके बाद गणेश जी की पूजा करते हुए हरियाली तीज की कथा सुनें. फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें.
कैसे मनाती हैं महिलाएं तीज व्रत - what do women do in Teej fasting?
कई महिलाएं हरियाली तीज के दिन अपने मायके जाती है. सावन के महीने में झुला झूलने की भी मान्यता है. तो इस दिन महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर अपने परिवारजनों के साथ खुशी से झूला झूलती है एवं महिलाएं तीज की पूजा से पहले सजती हैं, संवरती हैं और 16 ऋंगार करती हैं. इस दिन कुंवारी कन्या भी अपने मनचाहे और अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती है.
तीज व्रत के नियम और सावधानियां :
तीज के व्रत में हमेशा मिट्टी से बने शिव- पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करें.
तीज व्रत निर्जला ही रखें. अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही व्रत करें या फलाहार का सेवन करें.
तीज की पूजा के बाद किसी गरीब विवाहित महिला, अपनी सास, देवरानी या जेठानी को सुहाग के सामान दें और भोजन कराएं. साथ ही ब्राह्मण को भोजन और दान दें.
तीज व्रत के अगले दिन भगवान शिव-पार्वती और गणेश की पूजा के बाद प्रसाद बांटकर ही व्रत खोलें.
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