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Updated on: 17 September, 2023 12:03 PM IST
Ganesh Chaturthi

सनातन धर्म में प्रमुख देवताओं में एक व प्रथम पूज्य श्री गणेश जी से लोगों की आस्था बडी ही प्रगाढ़ है. कोई भी मांगलिक उत्सवों में सबसे पहले प्रथम पूज्य गणेश जी की ही पूजा होती है,इनके बाद ही किसी अन्य देवताओं की पूजा होती है.

गणेश जी को प्रथम पूज्य, लंबोदर,दामोदर, एकदंत,विनायक,मंगलमूर्ती और अन्य नामों से जाना जाता है. देशभर में गणेश उत्सव का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार गणेश चतूर्थी का पर्व 19 सितंबर मंगलवार को मनाया जाएगा.

गणेश पूजन व मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त

प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणपति बप्पा का आगमन होता है. इस बार गणेश चतूर्थी का पर्व 19 सितंबर मंगलवार को मनाया जाएगा. इस बार भाद्रपद मास की शुल्क पक्ष की चतुर्थी 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12 बज कर 29 मिनट से शुरु होगी जो कि 12:52 तक है.

गणेश चतुर्थी पर्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार भाद्रपद माह के शुल्क पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक का जन्म हुआ था. इसी वजह से गणेश भक्तों के बीच गणेश पूजन करने की परंपरा सनातन धर्म में काफी पुराणी है. इस दिन गणेश जन्म उत्सव के रुप में यह पर्व काफी ही धूमधाम से ढोल-नगाड़ों के साथ उत्साहपूर्वक मनाया जाता है. ये पर्व वैसे तो पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है, लेकिन गुजरात,महाराष्ट्र, राजस्थान,मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बहुत ही धूमधाम व भव्यता के साथ मनाया जाता है.

कुछ अजीबो-गरीब मान्यता

गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी या ढ़ेलहिया चौथ भी कहते हैं. साथ ही ऐसी मान्यता है कि इस दिन चांद को नहीं देखना चाहिए. आज भी कई गांवों में लोग ऐसा मानते हैं कि इस दिन जो कोई भी चांद को देख लेगा उसपर किसी ना किसी तरह का कलंक लगेगा.

इस लिए दोष मुक्त होने के लिए कई परंपराएँ बना दी गयीं कि चांद की तरफ मुंह कर के किसी के छत पर पत्थर फेंकनें से कोई भी कलंक दोष से मुक्त हो जाएगा. इस बार 18 सितंबर को कलंक चतुर्थी है.

English Summary: Ganesh Chaturthi is also called Kalank Chaturthi or Dhelhiya Chauth
Published on: 17 September 2023, 12:22 PM IST

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