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Updated on: 26 April, 2023 11:18 AM IST
खेतों में आगजनी की घटना

गर्मी के मौसम में खेतों में आगजनी की घटनाएं बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती हैं. आगजनी के चलते पूरे खेत जलकर खाक हो जाते हैं. इससे हमारे किसनों के उत्पादन पर भारी असर पड़ता है. इस समय तापमान बढ़ने से मुख्यत: गेहूं और दलहन की फसलों में आग लगने की घटना सामने आती हैं. इन घटनाओं से बचने के लिए किसान भाईयों को कुछ सावधानियां बरतने की जरुरत होती है, जिससे फसलों में आग लगने की घटना को कम किया जा सकता है.

सरकारी आकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में हर साल हजारों एकड़ गेहूं की जमीन जलकर खाक हो जाती है. इससे किसानों का बहुत ही ज्यादा नुकसान होता है. फसल कटाई के बाद पराली में आग लगने के कारण यह आस-पास के खेतों में भी पहुंच जाती है और फिर यह एक भयावह रूप ले लेती है. अब सरकारें भी धीरे-धीरे इसको लेकर जागरुक हो रही हैं.

कैसे करें बचाव

कृषि विभाग के निर्देश के अनुसार, अगर खेतों के ऊपर से हाई वोल्टेज विधुत की तार हो, या फिर खेतों में बिजली के खंभे हों तो ऐसी जगहों के आस-पास अपनी खेती की सूखी फसल कों बिल्कुल ही ना रखें.

किसाई भाई खेत- खलिहानों के पास सूखी घास, फूस के ढेर, किसी तरह का खरपतवार इकट्ठा ना होने दें. ऐसे में फसलों में आग लगने की संभावना बहुत ज्यादा ही बढ़ जाती है.

किसानों को सलाह दी जाती है कि पराली को जलाने की बजाय उस रासायनिक पदार्थों से सड़ा और गला दें, जिससे खेतों तक आग नहीं फैल पाएगी.

गांवों में यह समय शादी का रहता है, ऐसे में पटाखों और आतिशबाजी के चलते अक्सर खेतों में आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. किसानों को ऐसे में सतर्कता के साथ शादी समारोह आयोजित करना चाहिए.

अगर शॉर्ट-सर्किट से खेतों में भारी आग लग जाती है तो इस पर खुद से कार्य करने के बजाय आपको तुरंत इसकी सूचना जिले के विद्युत विभाग के साथ-साथ स्थानीय थाना को भी दे देनी चाहिए. इससे आग पर काबू पाने में आसानी रहेगी.

English Summary: Fire incident has been increasing in agriculture field, know its prevention
Published on: 26 April 2023, 11:23 AM IST

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