बाजार में बिकने वाले भूरे अंडे और सफेद अंडों में क्या फर्क है, इसमें आपके लिए कौन सा फायदेमंद है, क्या दोनों में से कोई अंडा अधिक अच्छा या खराब है. ऐसे कई सवाल लोगों के जहन में समय-समय पर आते रहते हैं. हालांकि अधिकतर लोगों को मालूम है कि भूरे अंडे देशी होते हैं और सफेद अंडे विदेशी, फिर भी उनके गुणों की जानकारी प्रायः लोगों को नहीं होती. चलिए आपको इस बारे में हम विस्तार से बताते हैं.
महंगा मिलता है देशी अंडा
देशी और विदेशी अंडे में मुख्य भेद उसके रंग का ही है. लोगों में आम धारणा है कि भूरे अंडों में ताकत होती है, इसलिए विक्रेता भी इनके अधिक दाम लेते हैं. पोल्ट्री फार्मों में तो अक्सर मुर्गियों को ऐसी दवाइयां दी जाती है कि वो अधिक से अधिक अंडे दें.
दोनो अंडों में है समान पोषक तत्व
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि दोनो अंडों से मिलने वाले पोषक तत्वों में कोई बहुत बड़ा फर्क नहीं है. आम तौप पर ये दोनो एक जैसे ही हैं, बस ब्राउन अंडों में केमिकल और कृत्रिम हार्मोन की अनुपस्थिति होती है, इसलिए उन्हें थोड़ा अधिक हेल्दी माना गया है.
भूरे अंडो में मिलावट करना आसान
मार्केट विशेषज्ञों की माने तो सफेद अंडो की अपेक्षा भूरे अंडो में मिलावट करना आसान है. बाजार में मिलने वाले देसी अंडो को अधिक भूरा और चमकदार बनाने के लिए ब्राउन कलर का इस्तेमाल किया जाता है.
नकली और असली में पहचान
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अंडों में नकली और असली का पहचान करने के लिए उन्हें टच करके देखें, अगर अंडों की ऊपरी परत रूखी है तो इसके नकली होने की संभावना बढ़ जाती है.
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ध्यान रहे कि अंडो का ऊपरी परत स्मूद और समतल होना चाहिए, वहीं अंडे अगर ज्यादा चमकदार और साफ दिखाई दे रहे हैं, तो सावधानी से उन्हें खरीदें. ऐसे अंडे अक्सर नकली होते हैं.
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अंडों को हिलाकर देखने पर अगर आवाज आ रहा है, तो वो नकली है. असली अंडे आवज नहीं करते हैं.