Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 May, 2019 5:42 PM IST

आज गणेश जयंती है. इस दिन को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो कोई भी सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा अर्चना करता है, उसे सुख, संपत्ति एवं शांति की प्राप्ति होती है. हम हर साल गणेश जयंती या गणेश चतुर्थी मनाते हैं, लेकिन क्या हमने कभी यह महसूस किया है कि सिद्धि विनायक गणेश ब्रह्माण्ड के कण-कण में मौजूद है?

क्या हम भी गणेश हैं?

ज्योतिष शास्त्र  के अनुसार भगवान गणेश को केतु यानि साधन माना गया है. तात्पर्य यह है कि संसार में जो भी कुछ साधन के रूप में उपल्बध है, वो गणेश  है. उदाहरण के लिए पहनने के लिए वस्त्रों की आवश्यकता होती है, तो वस्त्र गणेश हैं. वस्त्र बनाने के लिए मशीनों की आवश्यकता होती है, तो वहमशीन भी गणेश है. उसी प्रकार मशीनों को चलाने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता है, तो वह सभी श्रमिक भी गणेश हैं. इस तरह से संसार में जो कुछ भी है वो सिर्फ और सिर्फ गणेश है.

हम ही हैं संसार के विघ्नहर्ता:

साधन के रूप में हम सब स्वंय भी गणेश हैं, यानी कि अगर हमें अपने अंदर के गणेश का बोध हो जाए, तो स्वंय के साथ-साथ हम संसार की बाधाएं भी दूर कर सकते हैं. जरूरत है खुद की शक्तियों को पहचानने की. हम इसलिए सदैव परेशान रहते हैं, क्योंकि अपनी समस्याओं का कारण एवं निवारण स्वंय में नहीं, अपितु दूसरों में देखते हैं. जिस दिन अपनी समस्याओं का निवारण हम खुद से करने लग जाएंगें, जीवन में खुशियों का संचार हो जाएगा.

भगवान विनायक की शारीरिक संरचना में छुपा है बड़ा अर्थ

भगवन गणेश के चार हाथ, चार दिशाओं के प्रतीक है. जिसका मतलब है कि ईश्वर सर्वव्यापक है. संसार में जो कुछ भी घटित हो रहा है, भगवान उससे अनिभिज्ञ  नहीं हैं. भगवान गणेश के बड़े-बड़े कान हमे यह सीख देते हैं कि जीवन में अधिक से अधिक लोगों को सुनना चाहिए, क्योंकि सुनने से ही ज्ञान की वृद्धि होती है. इसी तरह उनका वाहन मूषक भी एक बड़ी सीख देता है. जिस तरह विद्वान् व्यक्ति किसी मुद्दे को पढ़ते हुए ज्ञान के उस कोनें तक पहुँच जाता है, जहां उसके सिवा और कोई नहीं जा सकता, उसी उसी तरह चूहा भी अपने लक्ष्य को खोजता हुआ संकीर्ण से संकीर्ण कोनें में पहुंच जाता है. वो एक के बाद एक हर परत को कठोर मेहनत के साथ लगातार काटता रहता है. इतना ही नहीं जिस तरह ज्ञानी हमेशा आलस का शत्रु होता है, उसी तरह चूहा भी आलस का दुश्मन होता है. वो सदैव फुर्तीला एवं चंचल स्वभाव का होता है. भगवान गणेश यहां पर विश्व को यह संदेश देते हैं कि महत्व आकार का नहीं, बल्कि ज्ञान और गुण का है. जीवन में आगे बढ़ने का वाहन आकार में नहीं बल्कि मूषक के भांति ज्ञान और गुण में बड़ा होना चाहिए.

English Summary: dharma karma ganesh chaturthi and significance
Published on: 08 May 2019, 05:44 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now