कोरोना वायरस (COVID-19) की वजह से दुनियाभर में हर दिन हज़ारों नए मामले सामने आ रहे हैं जबकि हजारों लोगों की मौत भी हो रही है. नतीजतन दुनियाभर के कई शहरों और पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति देखने को मिल रही है. यातायात के सारे संसाधन बंद हैं. दुनियाभर में हवाई उड़ानें, अंतरराष्ट्रीय इवेंट रद्द किए जा रहे हैं. गौरतलब है कि चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस इन दिनों यूरोपीय शहर में अपना कहर दिखा रहा है. नतीजतन अमरीका और मध्य पूर्व के देशों में संक्रमण फैलने की दर प्रतिदिन बढ़ रही है. हालांकि कुछ देश इस वायरस के संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगा पाने में कामयाब रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कोरोना वायरस पर अंकुश कैसे लगाया जा सकता है -
प्रश्न - क्या कोरोना वायरस को ख़त्म किया जा सकता है?
उत्तर- नहीं! कोरोना वायरस एक निर्जीव कण है जिस पर चर्बी की सुरक्षा-परत चढ़ी हुई होती है. यह कोई ज़िन्दा चीज़ नहीं है, इसलिए इसे मारा नहीं जा सकता बल्कि यह ख़ुद ही रेज़ा-रेज़ा (कण-कण) होकर ख़त्म होता है.
प्रश्न- कोरोना वायरस के विघटन (रेज़ा-रेज़ा होकर ख़त्म होने) में कितना समय लगता है?
उत्तर- कोरोना वायरस के विघटन की मुद्दत का दारोमदार, इसके आसपास कितनी गर्मी या नमी है? या जहां ये मौजूद है, उस जगह की परिस्थितियां क्या हैं? इत्यादि बातों पर निर्भर करता है.
प्रश्न- इसे कण-कण में कैसे विघटित किया जा सकता है?
उत्तर-कोरोना वायरस बहुत कमज़ोर होता है. इसके ऊपर चढ़ी चर्बी की सुरक्षा-परत फाड़ देने से यह ख़त्म हो जाता है. ऐसा करने के लिये साबुन या डिटर्जेंट के झाग सबसे ज़्यादा प्रभावी होते हैं. 20 सेकंड या उससे ज़्यादा देर तक साबुन/डिटर्जेंट लगाकर हाथों को रगड़ने से इसकी सुरक्षा-परत फट जाती है और ये नष्ट हो जाता है. इसलिए अपने शरीर के खुले अंगों को बार-बार साबुन व पानी से धोना चाहिए, ख़ास तौर से उस वक़्त जब आप बाहर से घर में आए हों.
प्रश्न - क्या गरम पानी के इस्तेमाल से इसे ख़त्म किया जा सकता है?
उत्तर- हाँ! गर्मी चर्बी को जल्दी पिघला देती है. इसके लिये कम से कम 25 डिग्री गर्म (गुनगुने से थोड़ा तेज़) पानी से शरीर के अंगों और कपड़ों को धोना चाहिए. छींकते या खाँसते वक़्त इस्तेमाल किए जाने वाले रुमाल को 25 डिग्री या इससे ज़्यादा गर्म पानी से धोना चाहिए . गोश्त, चिकन या सब्ज़ियों को भी पकाने से पहले 25 डिग्री तक के पानी में डालकर धोना चाहिए.
प्रश्न - क्या एल्कोहल मिले पानी (सैनीटाइजर) से कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को तोड़ा जा सकता है?
उत्तर- हाँ! लेकिन उस सैनीटाइजर में एल्कोहल की मात्रा 65 पर्सेंट से ज़्यादा होनी चाहिए तभी यह उस पर चढ़ी सुरक्षा-परत को पिघला सकता है, वर्ना नहीं.
प्रश्न- क्या ब्लीचिंग केमिकल युक्त पानी से भी इसकी सुरक्षा-परत तोड़ी जा सकती है?
उत्तर- हाँ! लेकिन इसके लिये पानी में ब्लीच की मात्रा 20% होनी चाहिए. ब्लीच में मौजूद क्लोरीन व अन्य केमिकल कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को तोड़ देते हैं. इस ब्लीचिंग-युक्त पानी का उन सभी जगहों पर स्प्रे करना चाहिए जहां-जहां हमारे हाथ लगते हैं. टीवी के रिमोट, लैपटॉप और मोबाइल फ़ोन को भी ब्लीचिंग-युक्त पानी में भिगोकर निचोड़े गये कपड़े से साफ़ करना चाहिए.
प्रश्न - क्या कीटाणुनाशक दवाओं के द्वारा कोरोना वायरस को ख़त्म किया जा सकता है?
उत्तर:- नहीं! कीटाणु सजीव होते हैं इसलिए उनको एंटीबायोटिक यानी कीटाणुनाशक दवाओं से ख़त्म किया जा सकता है लेकिन वायरस निर्जीव कण होते हैं, इन पर एंटीबायोटिक दवाओं का कोई असर नहीं होता. यानी कोरोना वायरस को एंटीबायोटिक दवाओं से ख़त्म नहीं किया जा सकता.
प्रश्न - कोरोना वायरस किस जगह पर कितनी देर तक बाक़ी रहता है?
उत्तर-
- कपड़ों पर : तीन घण्टे तक
- तांबा पर : चार घण्टे तक
- कार्डबोर्ड पर : चौबीस घण्टे तक
- अन्य धातुओं पर : 42 घण्टे तक
- प्लास्टिक पर : 72 घण्टे तक
इस समयावधि के बाद कोरोना वायरस ख़ुद-ब-ख़ुद विघटित हो जाता है. लेकिन इस समयावधि के दौरान किसी इंसान ने उन संक्रमित चीज़ों को हाथ लगाया और अपने हाथों को अच्छी तरह धोये बिना नाक, आँख या मुंह को छू लिया तो वायरस शरीर में दाख़िल हो जाएगा और एक्टिव हो जाएगा.
प्रश्न -क्या कोरोना वायरस हवा में मौजूद हो सकता है? अगर हाँ तो ये कितनी देर तक विघटित हुए बिना रह सकता है?
उत्तर- जिन चीज़ों का सवाल न. 08 में ज़िक्र किया गया है उनको हवा में हिलाने या झाड़ने से कोरोना वायरस हवा में फैल सकता है. कोरोना वायरस हवा में तीन घण्टे तक रह सकता है, उसके बाद ये ख़ुद-ब-ख़ुद विघटित हो जाता है.
प्रश्न -किस तरह का माहौल कोरोना वायरस के लिये फायदेमंद है और किस तरह के माहौल में वो जल्दी विघटित होता है?
उत्तर - कोरोना वायरस क़ुदरती ठण्डक या एसी की ठण्डक में मज़बूत होता है. इसी तरह अंधेरे और नमी (Moisture) वाली जगह पर भी ज़्यादा देर तक बाक़ी रहता है. यानी इन जगहों पर ज़्यादा देर तक विघटित नहीं होता. सूखा, गर्म और रोशनी वाला माहौल कोरोना वायरस के जल्दी ख़ात्मे में मददगार है. इसलिए जब तक इसका प्रकोप है तब तक एसी या एयर कूलर का इस्तेमाल न करें.
प्रश्न - सूरज की तेज़ धूप का कोरोना वायरस पर क्या असर पड़ता है?
उत्तर- सूरज की धूप में मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणें कोरोना वायरस को तेज़ी से विघटित कर देती है यानी तोड़ देती है क्योंकि सूरज की तेज़ धूप में उसकी सुरक्षा-परत पिघल जाती है. इसलिए चेहरे पर लगाए जाने वाले फेसमास्क या रुमाल को अच्छे डिटर्जेंट से धोने और तेज़ धूप में सुखाने के बाद दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है.
प्रश्न - क्या हमारी चमड़ी (त्वचा) से कोरोना वायरस शरीर में जा सकता है?
उत्तर- नहीं! तंदुरुस्त त्वचा से कोरोना संक्रमण नहीं हो सकता. अगर त्वचा पर कहीं कट लगा है या घाव है तो इसके संक्रमण की संभावना है.
प्रश्न : क्या सिरका मिले पानी से कोरोना वायरस विघटित हो सकता है?
उत्तर- नहीं! सिरका कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को नहीं तोड़ सकता. इसलिए सिरका वाले पानी से हाथ-मुंह धोने से कोई फ़ायदा नहीं है.
साभार - वाशिंगटन युनिवर्सिटी (USA)
लेखक : डॉ. आर एस सेंगर, प्रोफेसर
सरदार वल्लभ भाई पटेल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, मेरठ
ईमेल आईडी: sengarbiotech7@gmail.com