हमारे देश की आधे से ज्यादा आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है. इस बढ़ते वैज्ञानिक युग के दौर में आज देश के युवा भी खेती के इस नए तरीकों में अपनी रुचि दिखा रहे हैं. देश का किसान अब सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ लेकर आत्मनिर्भर हो रहा है. किसान खेत की मिट्टी की गुणवत्ता की जांच से लेकर, उर्वरक के छिड़काव और ड्रोन जैसे तकनीक के माध्यम से अपने खेती के तरीकों को बदल रहा है.
आज के इस दौर में खेती बस एक आजीविका का साधन नहीं रह गई है. सरकार इस क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के लिए जगह-जगह कृषि विज्ञान केंद्र खोल रही है. प्रयोगशाला के उपयोग से खेतों की मिट्टी की जांच की जा रही है. ऐसे में एग्रीकल्चर, वेटरनरी साइंस, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, फॉरेस्ट्री, हॉर्टीकल्चर, फूड और होम साइंस जैसे तमाम कृषि के क्षेत्र में पढ़ाई कर आज का युवा खेती में अपने आप को एक अच्छा भविष्य दे सकता है.
कृषि में युवाओं के लिए क्या है भविष्य
आज के समय मे कृषि बस खेत में काम करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इस क्षेत्र में एक अच्छे और सुनहरे भविष्य की आकांक्षा भी रखी जा सकती है. देश की कई जानी-मानी यूनिवर्सिटीज कृषि के क्षेत्र में विभिन्न तरह के कोर्सेज भी करवा रही हैं, जो अब देश के युवाओं को खेती के क्षेत्र में भी अच्छी आय वाले रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रही हैं.
अगर आप भी इस क्षेत्र में एक अच्छे और किफायती कैरियर की शुरुआत करना चाह रहे हैं तो बीएससी, डिप्लोमा और इसके समकक्ष कई कोर्स कर खेती के क्षेत्र में अच्छी खासी आय की नौकरियां प्राप्त कर सकते हैं. कृषि में स्नातक पाठ्यक्रम से संबंधित विश्वविद्यालयों के अनेक कॉलेजों में भी कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं. इनमे कई विश्वविद्यालय केंद्र और राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त हैं.
कृषि के क्षेत्र में देश के कुछ जाने माने विश्वविद्यालय
1.गोविंद वल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंत नगर,
2.तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयम्बटूर
3.कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़,
4.राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर
5.कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर,
6.चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार
7.पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना,
8.चन्द्रशेखर आजाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर
9.जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर,
10.नरेंद्र देव कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फैजाबाद
11.राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर
इन विश्वविद्यालय में कृषि से संबंधित विशेष पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाता है. आपने अगर विज्ञान, आर्ट, कामर्स स्ट्रीम्स या किसी संबंधित विषयों से बारहवीं पास की है तो यहां पर दाखिला ले सकते हैं. कृषि विशेषज्ञ बनने के लिए आप बीई, डिप्लोमा या विश्वविद्यालय की तरफ से चलाए जा रहे विभिन्न प्रकार के प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकते हैं.
विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए स्पेशलाइज्ड कोर्स
1.एग्रीकल्चरल फिजिक्स
2.एग्रीबिजनेस
3.प्लांट पैथोलॉजी
4.प्लांट ब्रीडिंग एंड जेनेटिक्स
5.प्लांटेशन मैनेजमेंट
भारत के प्रमुख कृषि अनुसंधान केंद्र
देश में बड़ी संख्या में कृषि अनुसंधान संस्थान हैं, जहां पर खेती से संबंधित विभिन्न नए तरीकों पर शोध किए जाते हैं. इन संस्थानों में भी अनुसंधान के लिए युवाओं की आवश्यकता होती है. यहां पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर शोध कर रहे युवाओं को बड़ी संख्या में छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है.
1.केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, नागपुर
2.भारतीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, रांची
3.केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला
4.केंद्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान, लखनऊ
5.केंद्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद
6.भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ
7.भारतीय जल प्रबंधन संस्थान, भुवनेश्वर
8.राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र, पुणे
9.भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली
10.भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, रांची
कृषि क्षेत्र में नौकरियां
कृषि क्षेत्र में हर साल आईसीएआर इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च युवाओं को नौकरी का मौका देता है, यह हर साल यूपीएससी एग्रीकल्चरल स्पेशलिस्ट की नियुक्ति के लिए परीक्षा कराता है. आप इसके अलावा खेती से जुड़े अन्य क्षेत्रों में जॉब की तलाश कर सकते हैं या फिर सरकार के द्वारा चालू की गई विभिन्न योजनाओं का फायदा उठा कर अपना खुद का स्टार्टअप भी कर सकते हैं. आज के समय में कई कंपनियां भी खेती के क्षेत्र में ग्रेजुएट युवाओं को नौकरियां प्रदान कर रही हैं.
इसके अलावा ग्रामीण बैंकों में खेती के क्षेत्र में स्नातक किए हुए युवाओं को वर्यता दी जाती है. इन ग्रामीण बैंकों में कृषि लिपिक और अधिकारियों की आवश्यकता होती है. इस पद के लिए बीएससी कृषि, बीवीएससी आदि योग्यताएं रखने वाले उम्मीदवारों को चुना जाता है. किसान क्रेडिट कार्ड, लोन, सरकारी योजनाओं पर अनुदान जैसे कई कार्यों के लिए खेती के क्षेत्र में ग्रेजुएट लोगों को तरजीह दी जाती है.