जब भी प्रोटीन की बात आते हैं, तो हमारे ख्याल में सबसे पहले अंडा या फिर चिकन आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंडे से भी कहीं अधिक प्रोटीन एक खास तरह के चावल में पाया जाता है, जिसकी खेती कर किसान अपनी आय को दोगुना तक बढ़ा सकते हैं. जी हां यह सच है. अगर आप शाकाहारी है, तो यह चावल आपके लिए प्रोटीन हासिल करना का अच्छी विकल्प साबित हो सकता है.
बता दें कि जिस चावल की हम बात कर रहे हैं. उसका नाम 'बोका साउल'/Boka Saul है. असम के कुछ जिलों में इस चावल को कोमल साउस के नाम से भी जाना जाता है. यह चावल बिना पकाएं खाया जाता है. ऐसे में आइए आज के इस लेख में हम इस खास चावल के बारे में विस्तार से जातने हैं...
बिना पकाएं खाए बोका साउल चावल
बोका साउल चावल को खाने के लिए पहले इसे 30 से 35 मिनट तक पानी में भिगोया जाता है और फिर इसे गुड़ के साथ या फिर अपने स्वाद के अनुसार दही के साथ भी खा सकते हैं. इसके अलावा अगर आप चाहे तो इस चावल को पकाकर भी खा सकते हैं, लेकिन इस चावल का असली स्वाद भिगोकर खाने में ही आता है.
बोका साउल चावल में प्रोटीन की मात्रा
बोका साउल चावल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. इसमें मैंगनीज, आयरन, सेलेनियम, नियासिन, फोलेट और कॉपर आदि पोषक तत्व मौजूद होते हैं. मिली जानकारी के अनुसार, बोका साउल में 6.8 ग्राम प्रोटीन, 10.73 प्रतिशत फाइबर की मात्रा पाई जाती है. साथ ही यह भी माना जाता है कि यह चावल हमारे शरीर को अंदर से ठंडा रखने में मदद करता है.
बोका साउल चावल को मिल चुका है GI टैग
बोका साउल चावल को देश के असम राज्य के किसानों के द्वारा सबसे अधिक उगाया जाता है. इस चावल की खासियत के चलते इसे साल 2018 में GI टैग भी दिया जा चुका है. साथ ही यह चावल भारत में फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने में भी काफी मददगार है.