Success Story: हिमांशु नाथ एक हेक्टेयर में उगाते हैं 2470 क्विंटल गन्ना, सालाना टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा! प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की बढ़ी अंतिम तिथि, इस दिन तक होगा पंजीकरण! ड्रोन तकनीक से आम की फसल में कीटों और रोगों पर नियंत्रण, जानें किसान के लिए कैसे हैं फायदेमंद! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 24 December, 2024 4:51 PM IST
क्रिसमस-ट्री से जुड़ी रोचक बातें (Image Source: Pinterest)

हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस या बड़ा दिन का त्योहार मनाया जाता है. यह ईसाई धर्म का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है. पूरे विश्व में यह दिन हर्षोल्लास और खुशी के साथ मनाया जाता है. इस दिन विशेष रूप से प्रभु यीशु के जन्म की खुशी मनाई जाती है, जिन्हें दुनिया में शांति और प्रेम का संदेश देने वाला माना जाता है. हालांकि, इस दिन के दौरान सबसे प्रमुख चीजों में से एक है—क्रिसमस-ट्री, जिसे लोग अपने घरों में सजाते हैं. रंग-बिरंगी लाइट्स, सुंदर सजावट और आकर्षक आभूषणों से सजा यह पेड़ पूरी दुनिया में इस दिन की पहचान बन चुका है.

क्रिसमस-ट्री से जुड़ी रोचक बातें

  1. एक मान्यता के अनुसार प्रभु यीशु का जन्म येरुशलम के एक अस्तबल में क्रिसमस के पेड़ के नीचे हुआ था. उनके जन्म पर स्वर्ग दूत ने आकर उनकी मां मरियम और उनके पिता को यीशु के जन्म की शुभकामनाएं दीं. जिस पेड़ के नीचे प्रभु यीशु का जन्म हुआ था, स्वर्ग दूत ने उस पेड़ को रोशनी से खूब सजाया. तभी से लोग हर साल प्रभु यीशु के जन्मदिन के उपलक्ष्य में क्रिसमस-ट्री को सजाने लगे.
  2. क्रिसमस-ट्री को लेकर एक मान्यता और भी प्रचलित है कि जिस घर में यह पेड़ होता है उस घर से नकारात्मक ऊर्जा और बुरे साये हमेशा दूरी बनाकर रखते हैं. इसके साथ ही घर में सकारात्मकता का प्रवाह बना रहता है.
  3. 19वीं सदी में क्रिसमस पर्व को इंग्लैंड में मनाने का रिवाज शुरू हुआ. इसके बाद विश्वस्तर पर क्रिसमस का जश्न मनाया जाने लगा.
  4. प्राचीन काल में क्रिसमस-ट्री को जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता था. मान्यता थी कि इसे घर में सजाने से बच्चे दीर्घायु होते हैं. इसीलिए प्रभु यीशु के जन्मदिन के मौके पर क्रिसमस-ट्री को सजाने का रिवाज शुरू हुआ.
  5. एक मान्यता के अनुसार क्रिसमस-ट्री को क्रिसमस पर सजाने की परम्परा जर्मनी से प्रारम्भ हुई. यहां से 19वीं सदी से यह परम्परा इंग्लैंड में पहुंची, जहां से सम्पूर्ण विश्व में यह प्रचलन में आ गई.

निष्कर्ष:  क्रिसमस-ट्री न केवल इस त्योहार की पहचान बन चुका है, बल्कि यह कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से भी जुड़ा हुआ है. यह हमें जीवन, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा की याद दिलाता है. इस परंपरा के जरिए लोग अपने घरों में न केवल सौंदर्य बढ़ाते हैं, बल्कि यह हमारे जीवन में खुशी, शांति और प्रेम का संदेश भी लेकर आता है. इस क्रिसमस, आइए हम सभी अपने घरों को इस खूबसूरत पेड़ से सजाएं और इसके साथ जुड़ी इस शानदार परंपरा को मनाएं.

English Summary: beliefs related to the Christmas Tree
Published on: 24 December 2024, 04:54 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now