नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 15 September, 2020 6:08 PM IST
Wheat Variety

वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए इम्युआनिटी (Immunity) को बेहतर करने के लिए लोग तरह-तरह की चीजें डाइट में शामिल कर रहे हैं. इस बीच एक बेहद काम की खबर आई है. दरअसल वैज्ञानिकों ने गेहूं (Wheat) की ऐसी खास किस्म विकसित कर ली है, जिससे बनी रोटी इम्युआनिटी बूस्टर की तरह काम करेगी.

विकसित की गई गेहूं की विशेषता (Cultivated Wheat Characteristics)

गौरतलब है कि यह रिसर्च हमारे देश में ही हुई है. बीएचयू (BHU) के कृषि विज्ञान संस्थान में हार्वेस्ट प्लस प्रोजेक्ट के अंतर्गत तैयार की गई गेहूं की तीन किस्मों बीएचयू -25, बीएचयू -31 और बीएचयू-35 में सामान्य गेहूं की अपेक्षाकृत 60 फीसदी ज्यादा जिंक है. इसमें 45-50 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) जिंक तत्व मौजूद है. लिहाजा अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए हर व्यक्ति अनार जैसी ज्यादा जिंक वाली चीजें भले ही न खरीद सकता पाए, लेकिन गेहूं तो खरीद सकता है. जाहिर है इससे बनी रोटी ही उसके लिए बेहद फायदेमंद साबित
हो सकता है.

कई बीमारियों से बचने में मिलेगी मदद (Will help in avoiding many diseases)

खबरों के मुताबिक, इस आटे की रोटी खाने में कोरोना वायरस से लड़ने में मदद मिलेगी. इसके अलावा कुपोषण समेत कई अन्य रोगों से भी राहत मिलेगी. इसके अलावा इस प्रजाति के गेहूं का घर में इस्तेमाल कर रहे कई छोटे और मझोले किसानों को हैजा, डायरिया और अन्य वायरस-बैक्टीरियल रोगों से निजात मिल रही है.

जैसा कि सर्वविदित है रोटी हमारे भोजन का 40 फीसदी हिस्सा है और यह रोज खाई जाती है. लिहाजा केवल इस गेहूं के सेवन से ही कई समस्याओं से आसानी से निजात मिल जाएगी. खबरों के मुताबिक, फिलहाल लगभग 200 किसान ही साल भर में इस तरह के एक हजार क्विंटल गेहूं का उत्पादन कर रहे हैं. उम्मीद है कि आने वाले समय में इसमें निवेश और उपज बढ़ेगी.

बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्था़न के निदेशक प्रो.रमेश चंद्र कहते हैं, ' हम किसानों द्वारा उगाए गए गेहूं की किस्म का ट्रायल भी करेंगे. यदि सरकार और छोटे-बड़े निवेशक इसकी पैकेजिंग व बिक्री में आगे आएंगे तो इसे जनता तक आसाानी से पहुंचाने में मदद मिलेगी.

English Summary: 3 varieties of wheat developed, will work like immunity boosters
Published on: 15 September 2020, 06:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now