भारत इस साल 15 अगस्त के दिन अपनी आजादी के 75 साल पूरे करने जा रहा है. इस साल पूरे देश में आजादी का जश्न जोरों शोरों से मनाया जा रहा है. आपको बता दें कि मोदी सरकार के हर घर तिरंगा अभियान के चलते राष्ट्रीय ध्वज हर घर में लहरा रहा है.
आजादी के इस दिन को भारतीय बेहद खास तरीके से मनाते हैं. स्कूल व ऑफिस में आजादी के दिन महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, तपस्या और बलिदान को याद किया जाता है और साथ ही कई स्थानों पर कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. इस दौरान कई महान सेनानियों के लड़ाई के दौरान दिए गए नारे को भी लगाया जाता है. कहते हैं कि इन नारों के बिना स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम अधूरा माना जाता है. देखा जाए तो आजादी के नारे लोगों के अंदर देशभक्ति के जोश को भर देते हैं.
तो आइए आज हम इस लेख में ऐसे ही कुछ आजादी के नारे के बारे में जानते हैं, जो सेनानियों ने आजादी की लड़ाई के दौरान लगाए गए और फिर वह हमेशा के लिए अमर हो गए.
आजादी के नारे... (Freedom slogans...)
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वंदे मातरम- यह नारा बंकिम चंद्र चटर्जी ने दिया था.
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तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा – यह नारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दिया था.
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अंग्रेजों भारत छोड़ो – यह नारा साल 1942 में महात्मा गांधी ने दिया था.
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करो या मरो - यह नारा 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने दिया था.
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इंकलाब जिंदाबाद – यह नारा भगत सिंह ने साल 1921 में दिया था.
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दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे – यह नारा चंद्र शेखर आजाद ने दिया था.
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सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा – यह नारा अल्लामा इकबाल ने दिया था.
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जय हिंद – यह नारा सुभाष चंद्र बोस ने दिया था.
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सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है – यह नारा रामप्रसाद बिस्मिल ने दिया था.
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"सत्यमेव जयते" - यह नारा पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1918 में दिया था.
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साइमन कमीशन वापस जाओ"- यह नारा कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक सदस्य यूसुफ मेहर अली ने साल 1928 में बंबई के मोल बंदरगाह पर दिया था.
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"स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और इसे मैं लेकर रहूंगा" यह नारा बाल गंगाधर तिलक ने दिया था.