MFOI 2024 Second Richest Farmer of India Award: भारत में कृषि को हमेशा से एक अहम व्यवसाय माना जाता है. यहां के किसान अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करते हैं, लेकिन कुछ किसान ऐसे होते हैं, जो कृषि में न सिर्फ पारंपरिक तरीकों से काम करते हैं, बल्कि उसे नए विचारों और तकनीकों के साथ एक नया मुकाम भी देते हैं. युवराज परिहार ऐसे ही एक प्रगतिशील किसान हैं, जिनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने उन्हें आज भारत के सबसे बड़े किसानों में से एक बना दिया है. उन्हें आज कृषि जागरण द्वारा आयोजित और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित ‘मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया 2024’ में ‘फर्स्ट रनर अप रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया’ अवार्ड (RFOI Awards 2024) मिला है.
प्रारंभिक जीवन और कृषि से जुड़ाव
युवराज परिहार का जन्म उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में हुआ था. उनके पिता डॉक्टर थे, इसलिए उनके परिवार में कृषि कार्य को प्रमुखता से नहीं किया जाता था, लेकिन वे बचपन से ही खेतों में काम करने की आदत से परिचित थे. जब उन्होंने कृषि क्षेत्र में कदम रखा, तो उन्होंने देखा कि पारंपरिक तरीके से खेती करने वाले किसानों को मुनाफा बहुत कम मिलता है. यही कारण था कि युवराज ने खेती को केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक व्यवसाय और नई दिशा के रूप में अपनाने का निर्णय लिया. उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद कृषि क्षेत्र में नए बदलाव लाने की ठानी. उनकी यह सोच उन्हें भारत में कृषि को एक नया रूप देने के रास्ते पर ले आई.
खेती की शुरुआत और व्यवसाय का विस्तार
प्रगतिशील किसान युवराज परिहार ने 22 साल पहले कृषि व्यवसाय में कदम रखा था. उनके पास कुल 400 एकड़ ज़मीन है, जिसमें से 100 एकड़ आगरा में और 300 एकड़ राजस्थान में स्थित है. युवराज आलू, गोभी और मूंग जैसी महत्वपूर्ण फसलों की खेती करते हैं, जो बाजार में बहुत ही मांग में रहती हैं.
इसके साथ ही, उन्होंने खेती को ब्रांडिंग और व्यवसाय का हिस्सा भी बनाया. उन्होंने ‘डॉ बीपीएस’ नामक ब्रांड की शुरुआत की, जो उनके व्यापार और कृषि में एक पहचान बन चुका है.
व्यवसाय का विस्तार और सफलता
युवराज परिहार ने खेती के साथ-साथ अपने व्यवसाय का भी विस्तार किया. उन्होंने 3 कोल्ड स्टोरेज और 2 वेयरहाउस आगरा में बनवाए, जिससे उनकी फसलें अच्छे से संरक्षित हो सकें और उन्हें बाजार में बेहतर मूल्य मिल सके. इसके अलावा, उन्होंने 7 कॉलेज भी खोले, जहां पर युवाओं को शिक्षा दी जाती है.
युवराज का एग्री बिजनेस का टर्नओवर 50 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, और सभी व्यापारों को मिलाकर उनका कुल कारोबार लगभग 100 करोड़ रुपये है. यह उनकी मेहनत और व्यवसाय में नए प्रयोगों का नतीजा है.
अंतरराष्ट्रीय पहचान
प्रगतिशील किसान युवराज की सफलता सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही. 2020 में गुजरात के गांधीनगर में हुए इंटरनेशनल पोटैटो कॉन्क्लेव में उन्हें ‘बेस्ट पोटैटो ग्रोवर और एक्सपोर्टर’ का अवार्ड मिला था. इस कार्यक्रम में भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, और वर्चुअल रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके योगदान की सराहना की थी. यह पुरस्कार उनके कार्यों और खेती के प्रति उनके दृष्टिकोण की मान्यता था. उन्होंने इस कार्यक्रम में अपनी खेती के तरीकों को साझा किया और बताया कि किस तरह से उन्होंने पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ा है.
पुरस्कार और सम्मान
युवराज परिहार को उनकी मेहनत और कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. उन्हें मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर, मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स, नाफेड और हाफेड से कई सम्मान मिले हैं. इसके अलावा, उन्होंने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कृषि मंत्रियों से भी पुरस्कार प्राप्त किए हैं.
सामाजिक कार्य और भविष्य की दिशा
युवराज परिहार का सपना सिर्फ व्यवसाय करना नहीं, बल्कि कृषि क्षेत्र में बदलाव लाना भी है. वे चाहते हैं कि युवाओं को कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक मौके मिलें, ताकि वे नए तरीकों को अपनाकर अपनी मेहनत से अच्छा मुनाफा कमा सकें. युवराज का मानना है कि प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल करके खेती को एक बहुत लाभकारी उद्योग बनाया जा सकता है. वे चाहते हैं कि अधिक से अधिक किसान सस्टेनेबल फार्मिंग को अपनाएं, ताकि भविष्य में कृषि क्षेत्र में और सुधार हो सके.
आज वे एक आदर्श बन चुके हैं और उनकी सफलता की कहानी अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर सोच और काम करने का तरीका सही हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है.