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Updated on: 10 January, 2024 7:35 PM IST
केवीके फेक के प्रमुख संजीव कुमार सिंह एवं कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक

KJ Chaupal: 27 साल पहले किसानों व कृषि क्षेत्र के हित के लिए कृषि जागरण की स्थापना की गई थी. जो आज इस क्षेत्र अपनी मैग्जीन, वेबसाइट और दूसरे माध्यम से काम करके इतिहास रच रहा है. कृषि जागरण मीडिया का एक खास प्रोग्राम है ‘केजे चौपाल’ (KJ Chaupal). जिसमें कृषि से जुड़े गणमान्य लोग और प्रगतिशील किसान बतौर मेहमान आकर अपने कामों, अनुभवों और नवीनतम तकनीकों को साझा करते हैं.

इसी कड़ी में गुरुवार (10 जनवरी) को केजे चौपाल कार्यक्रम में केवीके, फेक, नागालैंड के प्रमुख संजीव कुमार सिंह शामिल हुए, जिन्होंने हाल ही में आयोजित मिलेनियर फार्मर अवार्ड के लिए चयनित नागालैंड के दो किसानों की ओर से अवार्ड प्राप्त किया. दोनों किसान अवार्ड शो में हिस्सा नहीं ले पाए थे. ऐसे में गुरुवार को केवीके फेक के प्रमुख ने किसान कुहुख्रुलु खामो- जिला स्तरीय विजेता और किसान वेजोखोलो चुजो की ओर से राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया. इस दौरान उन्होंने कृषि कार्यालय का दौरा किया और पूरी टीम से बातचीत की.

संजीव कुमार सिंह का स्वागत करते हुए कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक ने इस यात्रा पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने नए साल के विशेष महत्व पर जोर दिया और पूर्वोत्तर के साथ नए सहयोग की संभावना का संकेत दिया. प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक ने क्षेत्र में किसानों द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों पर भी प्रकाश डाला और उनके प्रयासों के लिए वैश्विक मान्यता के महत्व पर जोर दिया.

वहीं, केजे चौपाल को संबोधित करते हुए संजीव कुमार सिंह ने मिलेनियर फार्मर अवार्ड के लिए पूर्वोत्तर के दो किसानों के चयन पर चर्चा करते हुए क्षेत्र के किसानों में प्रचलित विशिष्ट शर्म और झिझक का उल्लेख किया. इसके अलावा, सिंह ने नागालैंड के कृषि समुदाय में प्रचलित ईमानदारी और सत्यनिष्ठा को दर्शाने वाला एक दिलचस्प किस्सा साझा किया. उन्होंने एक आम सब्जी बाजार का वर्णन किया जहां किसान अपनी उपज पर बांस की छड़ी से लेबल लगाते हैं, उनका मूल्य निर्धारण करते हैं और पैसों के लिए एक बॉक्स छोड़ जाते हैं. बदले में, ग्राहक अपनी पसंदीदा सब्जियां चुनते हैं और बिना किसी मोलभाव के उचित पैसा बॉक्स में छोड़ जाते हैं.

सिंह ने इस प्रथा में ग्राहकों और किसानों के बीच आपसी विश्वास और निष्पक्षता पर प्रकाश डालते हुए बताया, "यह अनूठी प्रणाली सालों से बिना किसी धोखे के निर्बाध रूप से चलती आ रही है." संजीव कुमार सिंह की यात्रा न केवल पूर्वोत्तर किसानों की उपलब्धियों की स्वीकृति का प्रतीक है, बल्कि क्षेत्र की विशिष्ट कृषि पद्धतियों पर भी प्रकाश डालती है, जो कृषक समुदाय के भीतर अखंडता और विश्वास पर जोर देती है.

English Summary: You will go crazy about this unique system of Nagaland KVK Phek Sanjeev Kumar told an interesting story in KJ Chaupal
Published on: 10 January 2024, 07:35 PM IST

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