PM Kisan Update: 4 राज्यों के किसानों को मिली 21वीं किस्त, जानें बाकी किसानों को कब तक मिलेगा लाभ? Weather Update: यूपी, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड समेत इन राज्यों में होगी बारिश, जानिए अपने यहां का पूरा मौसम अपडेट Sankalp Retail: देशभर में कृषि-इनपुट खुदरा व्यापार को बदलना और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 9 August, 2022 12:06 PM IST

भारत में खेती-किसानी बड़े पैमाने पर की जाती है. ऐसे में रासायनिक खाद की जरुरत और खपत कुछ ज्यादा होती ही है, लेकिन आने वाले समय में देश में खाद का संकट आ सकता है. इस खरीफ की बुवाई के समय संकट भले ही ना आए, लेकिन रबी की फसल के सीजन के दौरान किसानों को संकट का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन इस खाद संकट की खबर के साथ-साथ कई प्रकार के सवाल भी खड़े होते हैं, जिनमें से पहला सवाल यह है कि ऐसा क्यों हो सकता है?

दरअसल, इस सवाल का जबाव हमें रुस और यूक्रेन युद्ध देता है. जैसा कि आपको पता है कि पिछले कई महीनों से रुस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है, जो कि समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है, जिसके कारण पूरे विश्व में खाद से लेकर पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में इजाफा हो रहा है और कई जगह तो किल्लत भी आ रही है.

ये भी पढ़ें: यूरिया खाद मंगवाने के लिए इन डीलर्स के मोबाइल नंबर पर करें संपर्क

जानकारी के लिए आपको बता दें यह संकट सिर्फ इस साल का नहीं है, आने वाले सालों में यह संकट और गहरा हो सकता है. कुछ दिन पहले ‘रूरल वॉयस’ और सोक्रेटस संस्थाओं ने एक बीतचीत में इस संकट की तरफ देश का ध्यान खींचा, लेकिन सवाल अभी भी वही है कि क्या हम अभी से इस संकट के तात्कालिक और दीर्घकालिक समाधान पर काम करना शुरू करेंगे, या फिर दूसरे विषयों की तरह इसे भी ठडें बस्ते में डाल दिया जाएगा.

भारत में खाद आयात को लेकर कुछ आंकड़े    

भारत रासायनिक खाद के लिए विदेशी आयात पर निर्भर  है, हमारे यहां पर 100 प्रतिशत पोटाश, 55 प्रतिशत डी.ए.पी. और 30 प्रतिशत यूरिया सीधा विदेश से आयात किया जाता है. जो यूरिया हमारे यहां बनता है, वह भी विदेश से आने वाली गैस से बनता है. इसलिए रुस और यूक्रेन बीच चल रहे युद्ध का प्रभाव हमें सीधा देखने को मिल रहा है.

रासायनिक खाद के हो सकते हैं ये विकल्प

रासायनिक खाद के संकट को कुछ हद तक टालने के लिए गाय के गोबर और गौमूत्र के अलावा पराली, फसल के अन्य अवशेष, जलकुंभी, राख, केंचुए, जानवरों की हड्डी, रसोई के कूड़े की कंपोस्ट और बायोगैस जैसे अनेक तरीकों से बहुत सस्ते में खाद बनाई जा सकती है. बीते कुछ सालों में सरकार की ओर से नेचुरल फार्मिंग की बात तो की गई है, लेकिन असल में सरकार की ओर से इस योजना के लिए कुछ ज्यादा नहीं किया गया है, इसलिए समय रहते किसान भाईयों को समस्या को समझना होगा और उसका समाधान भी निकालना होगा.

English Summary: you need to know about the fertilizer crisis in india
Published on: 09 August 2022, 12:12 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now