NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 9 August, 2022 12:06 PM IST

भारत में खेती-किसानी बड़े पैमाने पर की जाती है. ऐसे में रासायनिक खाद की जरुरत और खपत कुछ ज्यादा होती ही है, लेकिन आने वाले समय में देश में खाद का संकट आ सकता है. इस खरीफ की बुवाई के समय संकट भले ही ना आए, लेकिन रबी की फसल के सीजन के दौरान किसानों को संकट का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन इस खाद संकट की खबर के साथ-साथ कई प्रकार के सवाल भी खड़े होते हैं, जिनमें से पहला सवाल यह है कि ऐसा क्यों हो सकता है?

दरअसल, इस सवाल का जबाव हमें रुस और यूक्रेन युद्ध देता है. जैसा कि आपको पता है कि पिछले कई महीनों से रुस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है, जो कि समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है, जिसके कारण पूरे विश्व में खाद से लेकर पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में इजाफा हो रहा है और कई जगह तो किल्लत भी आ रही है.

ये भी पढ़ें: यूरिया खाद मंगवाने के लिए इन डीलर्स के मोबाइल नंबर पर करें संपर्क

जानकारी के लिए आपको बता दें यह संकट सिर्फ इस साल का नहीं है, आने वाले सालों में यह संकट और गहरा हो सकता है. कुछ दिन पहले ‘रूरल वॉयस’ और सोक्रेटस संस्थाओं ने एक बीतचीत में इस संकट की तरफ देश का ध्यान खींचा, लेकिन सवाल अभी भी वही है कि क्या हम अभी से इस संकट के तात्कालिक और दीर्घकालिक समाधान पर काम करना शुरू करेंगे, या फिर दूसरे विषयों की तरह इसे भी ठडें बस्ते में डाल दिया जाएगा.

भारत में खाद आयात को लेकर कुछ आंकड़े    

भारत रासायनिक खाद के लिए विदेशी आयात पर निर्भर  है, हमारे यहां पर 100 प्रतिशत पोटाश, 55 प्रतिशत डी.ए.पी. और 30 प्रतिशत यूरिया सीधा विदेश से आयात किया जाता है. जो यूरिया हमारे यहां बनता है, वह भी विदेश से आने वाली गैस से बनता है. इसलिए रुस और यूक्रेन बीच चल रहे युद्ध का प्रभाव हमें सीधा देखने को मिल रहा है.

रासायनिक खाद के हो सकते हैं ये विकल्प

रासायनिक खाद के संकट को कुछ हद तक टालने के लिए गाय के गोबर और गौमूत्र के अलावा पराली, फसल के अन्य अवशेष, जलकुंभी, राख, केंचुए, जानवरों की हड्डी, रसोई के कूड़े की कंपोस्ट और बायोगैस जैसे अनेक तरीकों से बहुत सस्ते में खाद बनाई जा सकती है. बीते कुछ सालों में सरकार की ओर से नेचुरल फार्मिंग की बात तो की गई है, लेकिन असल में सरकार की ओर से इस योजना के लिए कुछ ज्यादा नहीं किया गया है, इसलिए समय रहते किसान भाईयों को समस्या को समझना होगा और उसका समाधान भी निकालना होगा.

English Summary: you need to know about the fertilizer crisis in india
Published on: 09 August 2022, 12:12 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now