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Updated on: 11 December, 2021 11:14 PM IST
Onion Crop

बेमौसम की बारिश अक्सर किसानों की नींद उड़ा देती है . ऐसा ही कुछ इस बार हमारे किसान भाइयों के साथ भी हो रहा है. इस बेमौसम की बारिश और जलवायु परिवर्तन ने किसानों के लिए मुसीबतें खड़ी कर दी है. आपको बात दें बदलते मौसम की वजह से प्याज समेत कई फसलों पर किट और रोगों का प्रकोप काफी बढ़ रहा है, जिससे उत्पादन में गिरावट की संभावना बताई जा रही हैं. 

ऐसे में प्याज की फसल को बर्बाद होने से कैसे बचाया जाये, इसको लेकर  कृषि वैज्ञानिक ने प्याज़ उत्पादको के लिए सलाह पेश की है, तो अगर आपने भी अपने खेतों में प्याज की खेती कर रखी है तो उनको किट और रोगों से कैसे बचाया जाये इसको लेकर आप यहाँ से जानकारी इकठ्ठा कर सकते हैं.

प्याज की खेती करने के लिए 5 विशेष बातें (5 Special Things For Cultivating Onions)

  • कृषि वैज्ञानिकों का कहना है की अगर बारिश के दौरान किसी भी प्रकार का कीटनाशक का छिड़काव करते हैं तो यह फसलों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्यूंकि मिट्टी में अधिक पानी होने के कारण प्याज पर कीटनाशकों का प्रभाव नहीं पड़ता है. इसलिए बारिश होने के दो दिन बाद छिड़काव किया जाए तो इससे किसानों को लाभ होगा.

  • वैज्ञानिकों का कहना है कि प्याज की फसल में  बुवाई से लेकर कटाई तक की प्रक्रिया में सही देखभाल करनी चाहिए. क्योंकि प्याज की फसल अल्पकालिक होती है और यदि रोग होता है, तो इसका सीधा प्रभाव फसल के उत्पादन पर पड़ता है. जिससे फसल पूरी तरह  बर्बाद हो जाता है, इसलिए बारिश होने के बाद बाजार में मिलने वाले लिक्विड फफूँदनाशी का प्रयोग कर फसलों पर छिड़काव करें.

  • इसके अलावा बीएसएफ का ओपेरा एक फंगसनाशी कीटनाशक है जिसका छिडकाव करने से फसलों को फंगस और रोगों से बचाव करें में सहायक होगा.

  • कृषि वैज्ञानिक रामेश्वर चांडक का कहेना हैं कि प्याज की बुवाई के दो महीने बाद तक एडैक्सर कवकनाशी के रूप में प्रभावी होगा.

  • प्याज झुलसा और कवक के संक्रमण के मामले में कीटनाशकों और कवकनाशी का एक साथ छिड़काव करना चाहिए.

कब और कहाँ होती है प्याज की अच्छी खेती (When and where is Good Cultivation of Onion)

रबी सीजन की प्रमुख फसलों में जहाँ गेहूं, चने, हैं. तो वहीं प्याज की खेती भी इसी सीजन में ज्यादा फलती-फूलती है. महाराष्ट्र प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक प्रदेश है. इसके बाद नंबर आता है मध्य प्रदेश का. यहां देश का करीब 40 फीसदी प्याज उत्पादित होता है. अतिवृष्टि से सबसे अधिक प्रभावित रहे मराठवाड़ा के कई जिलों में रबी सीजन के प्याज की खेती लगभग शुरू हो चुकी है. महाराष्ट्र में प्याज की तीन फसलें ली जाती हैं. अर्ली खरीफ, खरीफ और रबी सीजन की.

इस खबर को भी पढ़ें - खरीफ सीजन में करें प्याज की खेती, सरकार देगी 40 प्रतिशत सब्सिडी

महाराष्ट्र के नासिक, पुणे, सोलापुर, जलगांव, धुले, उस्मानाबाद, औरंगाबाद, बीड, अहमदनगर और सतारा की प्याज प्रसिद्ध है. जबकि मध्य प्रदेश के इंदौर, शाजापुर, खंडवा, उज्जैन, देवास, रतलाम, शिवपुरी, आगर-मालवा, राजगढ़, धार, खरगोन, छिंदवाड़ा और सागर हैं. चूंकि मध्य प्रदेश में पैदा होनी वाली प्याज का प्रमुख हिस्सा वर्तमान जल-जमाव के लिए और भविष्य में बदलते जलवायु परिदृश्य के लिए दृढ़ता से उजागर माना जाता है.

English Summary: You can earn good profits by cultivating onions in these five ways
Published on: 11 December 2021, 12:50 PM IST

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