ऐसे आलम में जब चौतरफा व्यवस्था की बदहाली पर बहस हो रही है. पूरे सिस्टम को फेल बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार की नाकामी की वजह से कोरोना की दूसरी लहर उत्पात मचाने में कामयाब हो पाई है. ऐसे में अगर किसी की कामयाबी की चर्चा हो रही है, तो वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार है. जी हां...वर्तमान में उन्हें लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है. आखिर हो भी क्यो न? उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना काल में प्रदेश के लोगों को हर मुमकिन मदद पहुंचा रही है. इस बीच खबर है कि योगी सरकार अब प्रदेश के लोगों को मई और जून का राशन मुफ्त में बांटने जा रही है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि प्रदेश के लोगों को किसी भी प्रकार की आर्थिक बदहाली का सामना न करना पड़े.
पिछले लॉकडाउन से सबक लेते हुए योगी सरकार ने आज लंबी बैठक की है, जिसमें खाद्य विभाग के आलाधिकारी शिरकत हुए. इस बैठक में इसकी पूरी कार्ययोजना तैयार की गई थी. प्रदेश सरकार ने कहा कि समाज उन सभी लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध हो सके इसके लिए सभी पीडीएस को साफ निर्देश दे दिए गए हैं. इसके लिए ई-पॉश मशीनों से अत्याधिक लोग लाभान्वित भी होंगे. समाज का कोई भी शख्स अन्न से अछूता नहीं रहेगा.
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य व्यवस्था को भी दुरूस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है. सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में 200 अतरिक्त बेडों को बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं. कोरोना के खिलाफ योगी सरकार की तैयारी का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि वर्तमान में पूरे देश में सबसे ज्यादा टेस्टिंग करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश बन चुका है. हालांकि, अभी सूबे में कई ऐसे इलाके हैं, जहां कोरोना से हालात दुरूह हो चुके हैं, जिन्हें काबू में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. बहरहाल, अभी कोरोना के खिलाफ जंग में साप्ताहिक लॉकडाउन का सिलसिला जारी है.
अगर आपको याद हो तो इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के पांच शहरों में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने के निर्देश दिए थे, मगर राज्य सरकार ने कोर्ट के इस निर्देश पर एतराज जताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया और कोर्ट ने यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार के पक्ष में सुनाकर लॉकडाउन नहीं लगाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया.