पीएम मोदी ने कल गुजरात के गांधीनगर में डिजिटल इंडिया वीक 2022 का शुभारंभ किया और कहा कि यह बेहद गर्व की बात है कि गुजरात ने डिजिटल इंडिया अभियान में पथप्रदर्शक की भूमिका निभाई है. गुजरात में शुरू हुए इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर विशेष रूप से मौजूद रहे. आपको बता दें कि यह कार्यक्रम 4 जुलाई से लेकर 9 जुलाई तक चलेगा. इस कार्यक्रम में 4, 5 और 6 जुलाई को कई फिजिकल इवेंट भी होंगे.
डिजिटल होने से भारत में सुविधाएं मिलना हुआ आसान
गांधी नगर के महात्मा मंदिर कन्वेंशन और एक्जीबिशन सेंटर में पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले आठ सालों में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पूरे विश्व के सामने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. उन्होंने आगे बताया कि टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल पूरी मानवता के विकास के लिए कितना क्रांतिकारी साबित हो सकता है. साथ ही प्रधानमंत्री ने बीते समय को याद करते हुए कहा कि आज से 8-10 साल पहले की स्थितियों को याद कीजिए, बर्थ सर्टिफिकेट, बैंको में काम, राशन लेने के लिए, बिल जमा करने और एडमिशन के लिए लाइन लगानी पड़ती थी. इतनी सारी लाइनों का समाधान भारत ने ऑनलाइन होकर कर दिया है.
डिजिटल होने से भारत ने बचाए 2 लाख 23 करोड़ रुपए
पीएम मोदी ने कहा कि बीते 8 साल में DBT(direct benefit transfer) के माध्यम से 23 लाख करोड़ रुपए से अधिक सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजे गए हैं. इस टेक्नोलॉजी की वजह से देश के 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचे हैं.
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डिजिटल सेवाओं के बारे में जानकारी
गुजरात के गांधी नगर में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम के दौरान एक प्रदर्शिनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें आधार, UPI, को-विन और डिजिलॉकर जैसे पब्लिक डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को आसानी से मिल रही सेवाओं के बारे जानकारी दी गई.
ये है इस बार के कार्यक्रम की थीम
गांधी नगर के महात्मा मंदिर कन्वेंशन और एक्जीबिशन सेंटर में इस कार्यक्रम का आयोजन स्टेट इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट (IT) डिजिटल इंडिया के सात साल पूरे होने के उपलक्ष्य में किया गया. इस बार की थीम को ‘न्यू इंडिया इन्पीरेशन’ के नाम से रखा गया.
7500 करोड़ रुपए की राशि हुई निर्धारित
इस कार्यक्रम में टेक्नोलॉजी के ज़रिए लाइफ स्टाइल को सुगम बनाने के लिए और नए स्टार्टअप को बढ़ावा देना के लिए कुल 7500 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है.