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Updated on: 5 November, 2023 1:33 PM IST
'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' (Image Source: twitter)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार, 3 नवंबर, 2023 के दिन नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में मेगा फूड इवेंट 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया. इस दौरान  पीएम मोदी ने प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और साथ ही उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने के लिए एक लाख से अधिक एसएचजी सदस्यों को बीज के लिए आर्थिक सहायता का भी वितरण किया. साथ ही भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र ने पिछले नौ सालों में लगभग 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत को 'दुनिया के खाद्य केंद्र' के रूप में प्रदर्शित करना और 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाना है.

वहीं, यह कार्यक्रम 5 नवंबर, 2023 तक चलेगा, जिसका समापन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा किया जाएगा. ऐसे में आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-

महिलाओं में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को लीड करने की स्वाभाविक क्षमता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2023’ के उद्घाटन पर एक लाख से अधिक एसएचजी सदस्यों को 380 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी सहायता के वितरण की भी घोषणा की. उन्होंने यह भी कहा कि भारत की महिलाओं में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को लीड करने की स्वाभाविक क्षमता है. इसके लिए हर स्तर पर महिलाओं को, कुटीर उद्योगों और SHGs को प्रमोट किया जा रहा है. इसी क्रम में सरकार ने एक लाख से अधिक महिलाएं, जो स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं उन्हें हजारों करोड़ रुपये की Seed Capital दी है. आगे उन्होंने कहा कि दोस्तों भारत में जितनी सांस्कृतिक विविधता है, उतनी ही खाद्य विविधता भी है. हमारी ये खानपान की विविधता, दुनिया के हर इन्वेस्टर के लिए एक लाभदायक है. पीएम मोदी ने कहा कि- टेस्ट और टेक्नोलॉजी का ये फ्यूजन एक नए भविष्य को जन्म देगा,  जो देश में एक नई इकोनॉमी को गति प्रदान करेगा. इसके अलावा उन्होंने 21वीं सदी में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में वर्ल्ड फूड इंडिया जैसे आयोजनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के लिए स्वाद और प्रौद्योगिकी के संयोजन के महत्व पर जोर दिया-

सरकार की निवेशक-अनुकूल नीतियां खाद्य क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रही

इस कार्य क्रम में पीएम मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र ने पिछले नौ सालों में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में पीएलआई योजना उद्योग में नए उद्यमियों को बड़ी सहायता प्रदान कर रही है. साथ ही प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे के लिए एग्री-इंफ्रा फंड के तहत हजारों परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है, जिसमें लगभग 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश है, जबकि मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्र में प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे को भी हजारों करोड़ रुपए के निवेश के साथ प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी क्रम में सरकार की निवेशक-अनुकूल नीतियां खाद्य क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं.

देखा जाए तो पिछले नौ वर्षों में, भारत के कृषि निर्यात में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी 13% से बढ़कर 23% हो गई है, जो  कुल मिलाकर 150% की वृद्धि तक पहुंची है. ऐसे में आज, भारत कृषि उपज में 50,000 मिलियन डॉलर से अधिक के कुल निर्यात मूल्य के साथ 7वें स्थान पर है."

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां भारत ने अभूतपूर्व वृद्धि नहीं की हो. यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़ी हर कंपनी और स्टार्ट-अप के लिए यह एक स्‍वर्णिम अवसर है.

बता दें कि यह आयोजन खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं को संबोधित करते हुए 48 सत्रों की मेजबानी करेगा, जिसमें वित्तीय सशक्तिकरण, गुणवत्ता आश्वासन और मशीनरी और प्रौद्योगिकी नवाचारों पर प्रकाश डाला जाएगा और इसमें भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में नवाचार और ताकत का प्रदर्शन करने वाले विभिन्न मंडप शामिल होंगे.

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'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के सीईओ सहित 80 से अधिक देशों के प्रतिभागियों को आकर्षित करने के लिए तैयार है. यह आयोजन एक रिवर्स बायर-सेलर मीट की भी मेजबानी करेगा, जिसमें 80 से अधिक देशों के 1,200 से अधिक विदेशी खरीदार एक साथ आएंगे.

स्त्रोत- पीआईबी और ट्विटर

English Summary: world food india 2023 inaugurated by PM Modi financial assistance for seeds distributed to more than one lakh shg members
Published on: 05 November 2023, 01:38 PM IST

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