कृषि जागरण आए दिन केजे चौपाल का आयोजन करता रहता है, जिसमें कृषि वैज्ञानिक व अन्य अधिकारी शिरकत करते हैं और वह देश के किसानों को खेती-किसानी से जुड़े नई-नई किस्मों व तकनीकों के बारे में जानकारी देते हैं. इसी क्रम में कृषि जागरण ने 16 अक्टूबर, 2023 यानी विश्व खाद्य दिवस के मौके पर केजे चौपाल का आयोजन किया, जिसमें भारतीय हरित क्रांति के जनक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर कृषि क्षेत्र से जुड़े कई बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं और साथ ही श्रद्धांजलि समारोह में स्वामीनाथन की बेटी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन भी उपस्थिति रहीं. इस श्रद्धांजलि समारोह की शुरुआत में डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन के सम्मान व उन्हें श्रद्धांजलि के तौर पर सभी ने दो मिनट का मौन धारण किया.
आगे इस कार्यक्रम में कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक, एम.सी. डोमिनिक और प्रबंध निदेशक शाइनी डोमिनिक ने भारतीय कृषि में हरित क्रांति जैसे परिवर्तनकारी आंदोलन को शुरू करने में उनके योगदान के लिए डॉ. स्वामीनाथन के सम्मान में आभार व्यक्त किया.
श्रद्धांजलि सभा में कई कृषि विशेषज्ञ हुए शमिल
केजे चौपाल में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, सार्वजनिक और उद्योग मामलों के निदेशक, एफएमसी कॉर्पोरेशन राजू कपूर, पूर्व महानिदेशक, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र डॉ. मोनी एम, पूर्व सलाहकार कृषि, भारत सरकार डॉ वीवी सदामते समेत कृषि क्षेत्र के कई दिग्गज हस्ती शामिल हुए और उन सभी ने डॉ. स्वामीनाथन के सम्मान में अपने-अपने विचारों को व्यक्त किया.
इसके अलावा, पशुपालन और डेयरी विभाग के पूर्व केंद्रीय सचिव तरुण श्रीधर, पूर्व संयुक्त निदेशक, अनुसंधान और प्रमुख, बीज विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, आईएआरआई डॉ. मालविका ददलानी ने डॉ. स्वामीनाथन के मार्गदर्शन पर अपने विचारों को व्यक्त किया.
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श्रद्धांजलि सभा में वर्चुअल जुड़ी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन
डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की बेटी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन किसी कारणवश मौके पर नहीं पहुंच पाईं जिस वजह से वह वर्चुअल जुड़ीं और अपने पिता के सम्मान में कुछ शब्द कहीं कि कैसे डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की कड़ी मेहनत ने देश में कृषि परिदृश्य को कैसे बदल दिया और करोड़ों लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की.
वहीं, इस समारोह का समापन कृषि जागरण की तीन पत्रिकाओं की अक्टूबर संस्करण के अनावरण के साथ हुआ, जिसके कवर पेज पर डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन का तस्वीर था.
यह पत्रिका तीन भाषाओं अंग्रेजी, तमिल और मलयालम में थीं.