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Updated on: 17 November, 2023 1:51 PM IST
केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्‍तम रूपाला

मछुआरों और मछली पालकों और अन्य हितधारकों के योगदान और उपलब्धियों का उत्‍सव मनाने तथा मछली पालन क्षेत्र के सतत और न्यायसंगत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए भारत सरकार का मत्स्य पालन विभाग विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर ‘वैश्विक मत्स्य सम्मेलन भारत 2023’ का आयोजन कर रहा है. दो दिवसीय यह सम्‍मेलन 21 और 22 नवंबर 2023 को अहमदाबाद के गुजरात साइंस सिटी में आयोजित किया जाएगा.

सम्‍मेलन का विषय 'मत्स्य पालन और जलीय कृषि धन का उत्‍सव मनाएं' होगा. यह जानकारी केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्‍तम रूपाला ने गुरूवार को नई दिल्ली में एक पूर्वावलोकन संवाददाता सम्मेलन में दी. संवाददाता सम्मेलन में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन के साथ मत्स्य पालन विभाग के सचिव डॉ अभिलक्ष लिखी भी उपस्थित थे.

केंद्रीय मंत्री परशोत्‍तम रूपाला ने कहा कि मत्स्य पालन विभाग ने सम्मेलन के लिए विदेशी मिशनों, विशेषज्ञों, सरकारी अधिकारियों, थिंक-टैंक, शिक्षाविदों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, उद्योग संघों तथा अन्य प्रमुख हितधारकों को आमंत्रित किया है. उन्‍होंने कहा कि विश्व बैंक, एफएओ जैसे प्रमुख संगठनों और देशों ने भागीदारी की पुष्टि की है और वे उनकी मेजबानी के लिए उत्सुक हैं.

केंद्रीय मंत्री परशोत्‍तम रूपाला ने झींगा की खेती, मत्स्य पालन अवसंरचना विकास, वित्तीय समावेशन, घरेलू मछली की खपत को प्रोत्‍साहन तथा मत्स्य पालन के सतत विकास के बारे में मीडिया के प्रश्‍नों का भी जवाब दिया. परशोत्‍तम रूपाला ने बताया कि भारतीय मात्स्यिकी क्षेत्र ने अंतर्देशीय मछली उत्पादन, निर्यात, जलीय कृषि विशेष रूप से अंतर्देशीय मत्स्य पालन में वृद्धि दिखाई है, जो केंद्र, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और सभी क्षेत्रों में लाभार्थियों के संचयी प्रयासों से मछली उत्पादन का 70 प्रतिशत से अधिक है. केंद्रीय मंत्री ने रेखांकित किया कि पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की सरकार में मत्स्य पालन क्षेत्र को महत्व मिला है और मछली उत्पादन और जलीय कृषि क्षेत्र के मामले में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है.

डॉ एल. मुरुगन ने बताया कि मंत्रालय सतत विकास और वैश्विक मत्स्य सम्मेलन भारत 2023 पर फोकस कर रहा है, जो मछुआरों, किसानों, उद्योग, तटीय समुदायों, निर्यातकों, अनुसंधान संस्थानों, निवेशकों, प्रदर्शकों जैसे सभी हितधारकों को एक मंच पर एक साथ आने तथा विचारों, प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों पर जानकारी और बाजार लिंकेज के अवसरों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि सम्मेलन में मत्स्य पालन क्षेत्र में हुए विकास और सरकारी पहलों जैसे सागर परिक्रमा, पीएमएमएसवाई, मत्स्य पालन अवसंरचना आदि को भी प्रदर्शित किया जाएगा.

केन्द्रीय मंत्री परशोत्‍तम रूपाला ने कार्यक्रम के लोगों का भी अनावरण किया. यह लोगो इस बात का प्रतीक है कि भारतीय मात्स्यिकी क्षेत्र विश्वस्तर पर नई ऊंचाइयां हासिल कर रहा है और राष्ट्र निर्माण में मछुआरों और मछुआरा समुदायों का महत्वपूर्ण योगदान है.

मत्स्य पालन क्षेत्र को एक उभरता हुआ क्षेत्र माना जाता है और इसमें समाज के कमजोर वर्ग के आर्थिक सशक्तिकरण द्वारा समान और समावेशी विकास लाने की अपार क्षमता है. भारत वैश्विक मछली उत्पादन में 8 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ विश्‍व का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक, दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि उत्पादक, सबसे बड़ा झींगा उत्पादक और चौथा सबसे बड़ा समुद्री खाद्य निर्यातक है.

भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग का यह प्रयास रहा है कि न केवल 22 एमएमटी मछली उत्पादन के पीएमएमएसवाई लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रगति को बनाए रखा जाए, बल्कि वित्त वर्ष 2024-25 तक 1 लाख करोड़ रुपये का निर्यात भी किया जा सके. यह क्षेत्र देश में 3 करोड़ मछुआरों और मछली पालकों को स्थायी आय और आजीविका प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

English Summary: World Fisheries Day 2023 Global Fisheries Conference India 2023 will be organized on the occasion of World Fisheries Day
Published on: 17 November 2023, 02:00 PM IST

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