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Updated on: 21 May, 2022 5:41 PM IST
विश्व मधुमक्खी दिवस

मधुमक्खियों का हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में क्या महत्व है ये बात किसी से छीपा नहीं है. ऐसे में इसी महत्ता को देखते हुए हर साल दुनियाभर में 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया जाता है. इस दिन का मकसद पारिस्थितिकी तंत्र में मधुमक्खियों और अन्य परागणकों के महत्व को पहचानने के साथ-साथ जैव विविधता को बनाए रखने में मधुमक्खियों के महत्व के बारे में जन जागरूकता फैलाना भी है.

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन की शुरुआत

बता दें कि मधुमक्खी पालन भारत की सबसे पुरानी प्रथाओं में से एक है. यही वजह है कि भारत दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण शहद बाजारों में से एक बन गया है. ऐसे में मधुमक्खी पालन के महत्व और "मीठी क्रांति" के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए समग्र मधुमक्खी पालन विकास की आवश्यकता महसूस की गई.

नतीजतनभारत सरकार के वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के समग्र प्रचार, विकास और गुणवत्ता वाले शहद व अन्य मधुमक्खी उत्पादों के उत्पादन के लिए "राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM)" नामक एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी है.

विश्व मधुमक्खी दिवस पर वेबिनार का आयोजन

इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए कृषि जागरण द्वारा विश्व मधुमक्खी दिवस पर "मधुमक्खी और मधुमक्खी पालन प्रणाली की विविधता" पर वेबिनार का आयोजन 20 मई 2022 को किया गया. इस वेबिनार में मधुमक्खी पालन क्षेत्रों के कई विशेषज्ञ जुड़ें.

कौन-कौन वेबिनार में हुआ शामिल 

सभापतिडॉ. पी.के. पंतमुख्य परिचालन अधिकारीकृषि जागरण

मुख्य अतिथि- डॉ सुरेश कुमार मल्होत्रापूर्व कृषि आयुक्त

पूर्व मिशन निदेशकराष्ट्रीय मधुमक्खी पालन शहद मिशनकृषि मंत्रालय

श्री बृजेश कुमार वर्माप्रगतिशील किसानशहद प्रसंस्करण संयंत्र गोसाईगंजलखनऊ

डॉ. बलराज सिंहपरियोजना समन्वयकपीसी सेलकीट विज्ञान विभाग, ICAR -भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थाननई दिल्ली

श्री देवव्रत शर्मासदस्यराष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्डदिल्ली

संस्थापकहाई-टेक नेचुरल प्रोडक्ट्स इंडिया लिमिटेड

श्री जगजीत सिंह कपूरसदस्यराष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्डदिल्ली

श्री अशोक भगतविशेषज्ञ सलाहकारखादी और ग्रामोद्योग आयोग - Honey Mission Program of India

श्री जयदेव सिंहमुख्य कार्यकारी अधिकारी, Ambrosia Natural Products Pvt. Ltd., दिल्ली

श्री प्रभात फोगटसंस्थापकफोगट मधुमक्खी एपीरीझज्जरहरियाणा

श्री लक्ष्मीकांत त्यागीनिदेशक, My Bee Eatable Pvt. Ltd, इंदौरमध्य प्रदेश

श्री प्रेमपाल सिंहनिदेशकसनलाइट इंडिया एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेडहरिद्वारउत्तराखंड

श्री गजेन्द्र सिंहसचिवमधुमक्खी पालन हनी सोसायटीमुरैनामध्य प्रदेश

सुश्री मीनाक्षी धाकड़, Founder of Dirghayu Bhava, नीमचमध्य प्रदेश

इस वेबिनार में ये सभी मधुमक्खी विशेषज्ञ शामिल हो कर कार्यक्रम को सफल बनाया. कृषि जागरण की टीम इन सभी लोगों को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद करती है.

इस डायरेक्ट लिंक से आप भी सुनिए इन मधुमक्खी विशेषज्ञों की राय

यहां पढ़ें वेबिनार की मुख्य बातें

  • स्थानीय किसानों के कच्चे शहद को बढ़ावा देना

  • जब भी संभव हो जंगली मधुमक्खी कालोनियों की रक्षा करना

  • एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना

  • परागणकों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाएं

  • कीटनाशककवकनाशी के उपयोग और संशोधन में कमी

  • सरकार द्वारा स्थानीय समुदायों की भागीदारी को मजबूत करना

  • परिवर्तन लाने के लिए मौद्रिक प्रोत्साहन सहित रणनीतिक उपायों को लागू करना

  • बगीचे में विविध प्रकार के देशी पौधे और फूल लगाना

इस वेबिनार में प्रगतिशील किसान अमित गोडसे ने कहा कि मधुमक्खियों के छाते को लोग शहर में बर्बाद कर देते हैं. लेकिन ये करना ठीक नहीं हैं. इसके लिए एक्सपर्ट को ध्यान देने की जरूरत है और इसके कोई दूसरे विकल्प खोजने की जरूरत हैं, जिससे मधुमक्खियां सुरक्षित रह सकें.

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे डॉ सुरेश कुमार मल्होत्रा ने बताया कि भारत सरकार लगातार मधुमक्खी पालन को और आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही हैजिससे किसानों को सीधे फायदा पहुंचेगा. उन्होंने ये भी कहा कि बी कीपर को सुविधा देने के लिए भी टेस्टिंग लैब बनाया जा रहा है.

वहीं डॉ बलराज सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र में मधुमक्खियों का बहुत बड़ा योगदान हैऐसे में जरूरत हैं लोगों और किसानों तक परागणकों के महत्व के बारे में और जागरूकता फैलाने की.

English Summary: World Bee Day 2022: Krishi Jagran organized a special webinar on World Bee Day
Published on: 21 May 2022, 05:47 PM IST

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