World AIDS Day 2022: एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसके मामले तेजी से दुनियाभर में लगातार बढ़ रहे हैं, जो कि चिंता का विषय है. यही वजह है कि हर साल के आखिरी महीने के पहले दिन यानी 1 दिसंबर को पूरी दुनिया 'विश्व एड्स डे' के रूप में मनाती है.
इसके मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करना है. साथ ही आज उन लोगों को याद करने का भी दिन है जिनकी इस बीमारी से मौत हो गई है. ये दिन दुनिया भर में एड्स से पीड़ित लाखों लोगों के साथ सपोर्ट दिखाने और उनकी मदद करने का अवसर प्रदान करता है.
एड्स कैसे और क्यों होता है?
एड्स का संक्रमण ह्यूमन इम्युनोडिफेशिएंसी वायरस यानी HIV के कारण होता है. HIV एक ऐसा वायरस है, जिसका अगर समय पर इलाज नहीं किया जाएं तो ये आगे चलकर AIDS की बीमारी में तब्दील हो जाती है. ये वायरस डायरेक्ट आपकी इम्युन सिस्टम पर हमला करता है और उसे इतना कमजोर बना देता है कि आपकी बॉडी कोई दूसरी बीमारी या संक्रमण को झेलने के काबिल नहीं बचती. ये वायरस इंफेक्टेड ब्लड, सीमन या फिर वजाइनल फ्लूइड्स आदि के संपर्क में आने से ट्रांसमिट होता है. अभी तक इस वायरस का कोई पुख्ता इलाज नहीं ज्ञात किया गया है लेकिन कुछ दवाओं के सहारे अपने इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाकर इस बीमारी से लड़ा जा सकता है. जैसा कि इस बीमारी को लेकर पूरी दुनियाभर में कई तरह की भ्रांतियां भी फैली हुई हैं. यही वजह है कि पूरी दुनिया में आज के दिन यानी 1 दिसंबर को विश्व एड्स डे के रूप में मनाया जाता है.
जानें, विश्व एड्स डे 2022 की थीम
हर साल विश्व वर्ल्ड एड्स डे को मनाने के लिए यूनाइटेड नेशंस की एजेंसियां, सरकारें और लोग एचआईवी से जुड़ी एक खास थीम पर अभियान चलाकर इस दिन को मनाते है. ऐसे में इस साल विश्व वर्ल्ड एड्स डे की थीम समानता यानी एक्युलाइज (Equalize) रखी गई है. इसका मतलब है कि आज के दिन हर व्यक्ति और कम्युनिटी के लिए उन लोगों को याद और सम्मान करने का दिन है जिन्होनें इस रोग की वजह से अपनी जान गवा दी है. इस साल की थीम के मद्देनजर देश-विदेश में कार्यक्रम और अलग-अलग एक्टिविटीज आयोजित कर एड्स से मरने वाले लोगों को याद किया और उन्हें सम्मान दिया. बहुत लोगों ने आज लाल रिबन पहन कर इस दिन को मनाया. लाल रिबन एड्स से पीड़ित व्यक्ति को सपोर्ट करने और जागरूकता का प्रतीक है.
जानें, विश्व एड्स डे का इतिहास
साल 1988 से विश्व एड्स डे को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरुआत WHO ने की थी. इसकी सबसे खास बात ये है कि ये दिन ग्लोबल हेल्थ के लिए पहला इंटरनेशनल डे था. उस वक्त के अनुमान के मुताबिक, करीब 90,000 से 1,50,000 व्यक्ति HIV से संक्रमित थे. यही वजह थी कि लोगों को एड्स के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जा सकें. इसलिए आज का दिन इसके लिए निर्धारित कर दिया गया.